नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर बल्ह में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का विस्तृत दौरा करने के बाद सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र पहुंचे और इस दौरान उन्होंने कलखर, पटडीघाट, गुम्हू, ढलवान, हरण, जुकैन, सरकाघाट और ततीह में भूस्खलन और बादल फटने के कारण धंसे गांव का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने पटरीघाट स्कूल में ठहराए ज्वाली गांव के बेघर हुए 45 परिवार के 150 सदस्यों से कैंप में मुलाकात की। इस दौरान प्रभावितों ने बताया कि अभी तक जिला प्रशासन के अलावा सरकार की ओर से कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा है।
हमारे घर पहाड़ी धंसने के साथ मिट्टी में मिल गए लेकिन हमें अभी तक ठहराने के लिए कोई समाधान नहीं किया गया है। हमारे बच्चे भूखे प्यासे हैं। न रोजगार है और न खेत खलिहान बचे हैं। आखिर हम जाएं तो जाएं कहां। लोगों ने गांव उजड़ते वाली अपनी जगह के बदले और जगह बसाने की मांग प्रमुखता से उठाई। इस पर पूर्व। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन को तुरंत समाधान निकालने के कह दिया है और केंद्र सरकार के पास भी ये मामला मैं उठाऊंगा। इसके बाद वे जुकैन में भी वे बेघर हुए आंगनबाड़ी में ठहराए एक दर्जन परिवारों से मिले और यहां भी लोगों ने कहा कि मुख्यमंत्री सरकाघाट आए लेकिन सड़क से नीचे हमारे गांव नहीं उतरे।
बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री इस इलाके का दौरा करने आए लेकिन जो प्रभावित हैं उनसे मिले ही नहीं। गांव पटरीघाट, तट्टीह, गुम्हू और ढलवान में दर्जनों गांव तबाह हो गए हैं और प्रभावित मुख्यमंत्री का इंतजार ही करते रह गए। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सरकाघाट हेलीकॉप्टर से आए और जैसा लोग कह रहे हमसे नहीं मिले तो न प्रभावितों से मिले तो फिर किन लोगों से मिले? ये वक्त लोगों के दुखदर्द सुनने का है। नुकसान इतना ज्यादा है
कि न राज्य सरकार भरपाई कर सकती है और न केंद्र। बाबजूद इसके केंद्र सरकार लगातार मदद कर रही है। सड़कों के लिए 3 हज़ार करोड़ आ चुके हैं जिसमें 400 करोड़ केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी ने सीआरएफ में दिया और 2643 करोड़ रुपए पिछले कल ही पीएमजीएसवाई पेज 3 के तहत प्राप्त हुआ है।