संसद में पेश हो चुके नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टर ने मंगलवार को विरोध-प्रदर्शन किया। हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल शिमला IGMC में भी रेजिडेंट डॉक्टर ने धरना दिया और बिल के खिलाफ नारेबाज़ी की।
रेसीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के महासचिव विशाल जम्बाल ने इस बिल को गरीब विरोधी और जनविरोधी करार दिया है। उन्होंने बताया कि नए बिल के मुताबिक, अब तक प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 15 प्रतिशत सीटों की फीस मैनेजमेंट तय करती थी, लेकिन नए बिल के मुताबिक मैनेजमेंट 60 फीसदी सीटों को फीस तय करेगी। पहले जहां 130 सदस्य होते थे और हर राज्य के तीन प्रतिनिधि हुआ करते थे, वहीं अब नए बिल के मुताबिक 25 सदस्य होंगे और राज्यों के 5 प्रतिनिधि होंगे।
विशाल ने बताया कि आयुष को ब्रिज कोर्स करवाकर इंडियन मेडिकल रजिस्टर में शामिल करने का प्रावधान है जो एमबीबीएस के लगभग बराबर होगा। MBBS के बाद भी प्रैक्टिस करने के लिए एक और एग्जाम देना होगा। वहीं, पहले ये एग्जाम विदेशों से MBBS करने वालों को देने होते थे। अब नए बिल में उनको इस एग्जाम से छूट है। याद रहे कि बिल के विरोध में को IMA से जुड़े देशभर के करीब 3 लाख डॉक्टर विरोध कर रहे हैं।