क्रिकेट में झंडे गाड़ने वाली हिमाचल की बेटी सुषमा वर्मा को एचपीसीए जिला शिमला ने सम्मानित किया है। एचपीसीए ने सुषमा को ट्रॉफी एवं 11 हजार का चेक से नवाजा है। सुषमा वर्मा ने 2009 से 14 तक धर्मशाला क्रिकेट अकादमी में ही क्रिकेट के गुर सीखे हैं।
इस दौरान सुषमा ने कहा कि उन्हें गर्व है कि वह शिमला के छोटे से गांव से ऊंचाई तक पहुंची है। हिमाचल में क्रिकेट की मूलभूत सुविधाओं की कमी के चलते 17 साल की उम्र से मैंने खेलना शुरू कर दिया था, जिसमें मेरे माता पिता खासकर उनके दादा का बहुत बड़ा सहयोग रहा। अमूमन लड़कियों को क्रिकेट के खेल में कहां मौका दिया जाता है और शिमला के छोटे से गांव में तो ये और भी कठिन था।
क्रिकेटर ने कहा कि पवन सेन कोच का भी उनके हुनर को निखारने में अहम योगदान रहा। सुषमा ने फाइनल में हारने पर दुख जाहिर किया और कहा कि हम बेहतर क्रिकेट खेले, लेकिन भाग्य ने साथ नहीं दिया। इसलिए विश्व कप ट्रॉफी से एक कदम चूक गए। उन्होंने एडम गिलक्रिस्ट, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और महिंद्र सिंह धोनी को अपना रोल मॉडल बताया।