देवभूमि हिमाचल ऐसी देव स्थली है जहां के चप्पे- चप्पे में देवी देवता रमण करते हैं. यहां के मंदिरों की एक अलग गाथा है. ऐसा ही एक मंदिर ज्वाला जी शक्तिपीठ से महज़ 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित टेढ़ा मंदिर नाम से रघुनाथेश्वर (राम सीता) का मंदिर है. 1905 के कांगड़ा में आए भूकंप से ये मंदिर टेढ़ा हो गया था. परिणामस्वरूप इस मंदिर का नाम टेढ़ा मंदिर पड़ गया. रघुनाथेश्वर मंदिर में भगवान राम-सीता की मूर्तियों स्थापित की गई है.
कहा जाता है कि इस मंदिर को पांडवों ने अपने बनवास के दौरान बनाया था और यहां आने वाले भक्त आज भी टेढ़े खड़े होकर राम-सीता की मूर्तियों के दर्शन करते हैं. ये मंदिर प्रदेश के कांगड़ा जिले में ज्वालामुखी के पास स्थित है. ज्वालामुखी के ज्वाला मां मंदिर की बगल से इसका रास्ता जाता है. इसके अलावा मंदिर तक पहुंचने के लिए जंगल से होकर जाना पड़ता है.
ये भी माना जाता है कि राजा अकबर ने मां ज्वाला की शक्ति को आजमाने के लिए टेढ़ा मंदिर से पानी की नहर को लाया था. इस पानी से मंदिर में स्थित पवित्र ज्योतियों को बुझाने की असफल कोशिश की गई थी और राजा अकबर का घमंड चूर चूर हो गया था. कांगड़ा गैजेट में इस मंदिर का उल्लेख मिलता है. भूकंप आने के बाद मंदिर अष्टधातु की मूर्तियां दोबारा नज़र नही आई.