शिमला में पुस्तक मेला चल रहा है. पुस्तक मेले के साथ कई साहित्यिक आयोजन भी चल रहे हैं. इसी कड़ी में रचना गुप्ता की पुस्तक “देवधरा” पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया. जिसमें साहित्यकारों ने देवधरा पुस्तक पर वक्तव्य दिया.
देवधरा में हिमाचल प्रदेश के एतिहासिक महत्व से लेकर देव परंपरा, हिमाचल की विकास यात्रा, 1948 से 1971 तक के हिमाचल से लेकर वर्तमान परिदृश्य का वर्णन किया गया है. जो पाठकों को अपने साथ जोड़े रखती है. पुस्तक की सबसे बड़ी खासियत ये है की NBT ने इस किताब का प्रकाशन किया है. रचना गुप्ता दैनिक हिंदी अखबार में प्रथम महिला संपादक रही हैं.
पुस्तक को लेकर लेखिका डॉ रचना गुप्ता ने बताया मैं पत्रकार बनने के बाद से लेखन कार्य कर रही हूँ. लेकिन अखबार का लेखन कार्य किताब के लेखन से बिलकुल अलग रहता है. NBT पैनी पारखी नज़र के बाद ही किताब छापते है. NBT की विश्वशनियता बरकरार ही किताब की सफ़लता का पैमाना होता है. कोविड के समय में ये किताब लिखी थी.
देवधरा में बहुत कुछ लिखने को था लेकिन हिमाचल लोक सेवा आयोग के सदस्य के पद की गरिमा के चलते कुछ चीजें दरकिनार की हैं. जब पदभार से मुक्त होंगी तब इसको विस्तार दिया जायेगा. अपने पत्रकारिता जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए रचना गुप्ता ने कोटखाई गुड़िया दुष्कर्म मामले का भी जिक्र किया.