ज़िदंगी भर का साथ कौन देता है फराज़, लोग तो जनाजे में भी कंधे बदल लेते हैं… मक़बूल शायर अहमद फराज़ की यह लाइन सुजानपुर विधानसभा और वहां के भीतरघात पर सटिक बैठती है। वैसे तो यह मामला घिंसा-पिटा और बासी हो चुका है, लेकिन सुजानपुर से कांग्रेस के विधायक राजेंद्र राणा ने एक राजनीतिक गुगली फेंक कर, फिर से इस मामले को गरम कर दिया है। राणा ने साफ-साफ बता दिया कि विधानसभा चुनाव में धूमल को हराने के लिए खुद बीजेपी के लोगों ने उनका साथ दिया।
यह बात राणा ने दबी जुबान में नहीं बल्कि मीडिया को संबोधित करते हुए खुल्ले में कही। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान कुछ लोग दिन में तो बीजेपी के साथ होते थे, लेकिन रात को मेरे पास आते थे। हालांकि, उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि धूमल के भीतरघाती रात में उनके लिए कौन सा 'मोडस ओपेरान्डी' अपनाते थे। आप नीचे खुद वीडियो देखिए, राजेंद्र राणा ने कैसे गहरे राज़ (पहले से अनुमानित) से पर्दा उठाया है—
इस बयान में राजेंद्र राणा साफ-साफ कह रहे हैं कि सुजानपुर में कई लोग चुनाव लड़ने का बरसों से लालसा पाले बैठे थे, लेकिन प्रेम कुमार धूमल के मैदान में आने से उनके सपनों को झटका लगा और उन सभी ने भीतरघात के लिए राणा से हाथ मिला लिया। अब सवाल तो यह उठता है कि जो उस वक़्त हुआ सो हुआ… राणा ने आज ये प्रसंग क्यों छेड़ा है? कहने वाले कह रहे हैं कि राजेंद्र राणा फ्यूचर-पॉलिटिक्स पर ज्यादा तवज्जों दे रहे हैं। क्योंकि, राजनीति में सधे हुए मोहरे ज्यादा ख़तरनाक़ होते हैं…।