कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने शुक्रवार को कहा कि जंजैहली मसले पर सरकार के साथ मुख्यमंत्री विफल साबित हुए हैं। उन्होंने कहा की जंजैहली विवाद पर कांग्रेस को दोष देना बीजेपी सरकार बंद करें। एसडीएम को फेरीवाला बनाने से सरकार परहेज करें।
यह मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र का मसला है और इसे मुख्यमंत्री को आगे आकर हैंडल करना चाहिए। जब आंदोलन चल रहा है तो ऐसे में मुख्यमंत्री से किन सलाहकारों ने जल्दबाजी में अधिसूचना जारी करवाई। उन्होंने कहा कि स्वयं सरकार की अधिसूचना और ज़मीनी भावनाएं मेल नहीं खाती है। 4 और 3 दिन बिठाने के चक्कर में एसडीएम कार्यालय की गरिमा को गिराया जा रहा है।
अग्निहोत्री ने कहा कि अपने ही क्षेत्र में जाने से अब मुख्यमंत्री शायद घबरा रहे हैं। जनता आंदोलन कर रही है ऐसे में सवाल तो उठेंगे ही। प्रदेश की बीजेपी सरकार कांग्रेस को कोसने की नीति पर चल रही है। उन्होंने कहा की केंद्रीय योजनाओं को आगे बढ़ाने में सांसदों का कोई योगदान नहीं है।
इसका उदाहरण यह है कि यूपीए सरकार ने जिला कांगड़ा के केंद्रीय विश्वविद्यालय की घोषणा की है, जो कि आज दूसरे भवनों में चल रहा है, इसका स्थाई भवन बीजेपी सांसदों के कारण ही नहीं मिला है।
ट्रिपल आईटी सलोह में स्थापित करने के लिए पूर्व वीरभद्र सरकार ने 20 करोड रुपए का प्रबंध कर सभी औपचारिकताएं पूरी कर उसे केंद्र को दिया था। केंद्र में सरकार बदलने के चलते इस योजना को अटकाने का काम किया गया।