प्रदेश में करीब 100 से अधिक फार्मा उद्योगों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। 13 महीनों में इन उद्योगों की 131 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। इनमें कई उद्योग ऐसे हैं, जिनकी एक से अधिक दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार के कड़े रुख के बाद अब ड्रग विभाग भी सख्त हो गया है। प्रदेश में अभी तक ऐसे उद्योगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई है। पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री ने ऐसे उद्योगों को ब्लैक लिस्ट करने का ऐलान किया था। इसके बाद दवा कंपनियों के साथ ड्रग विभाग में भी हड़कंप मच गया है।
औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के सबसे अधिक सैंपल फेल
प्रदेश में सबसे अधिक दवाओं के सैंपल औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के फेल हो रहे हैं। फेल हुई करीब 70 दवाओं का संबंध बीबीएन और इसके आसपास के औद्योगिक क्षेत्र से है। शेष दवाओं का उत्पादन पांवटा साहिब, कालाअम्ब, सोलन, संसारपुर टैरेस, गगरेट, मैहतपुर और कुम्माहरट्टी इत्यादि औद्योगिक क्षेत्रों में हुआ है।
दवाइयों की गुणवत्ता को लेकर नहीं होगा समझौता
राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि ड्रग विभाग जिन उद्योगों की दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। हालांकि विभाग ऐसे उद्योगों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है। दवाइयों की गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।