धर्मशाला में निजी अस्पताल का धंधा केवल पैसों तक ही सिमित रह गया है। यहां निजी अस्पताल में लोग को सुविधाएं तो मिलती नहीं, बल्कि बदले में अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला धर्मशाला के निजी शुक्ला अस्पताल में सामने आया है जिसमें एक युवक अपनी बहन की मौत का कारण स्थानीय निजी अस्पताल की लापरवाही बता रहा है।
इसी कड़ी में युवक ने कांगड़ा डीसी को 8 फरवरी को बकायदा एक ज्ञापन भी अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई के लिए सौंपा था, लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। शनिवार को एक बार फिर युवक ने डीसी को ज्ञापन सौंपा और मदद की गुहार लगाई। युवक ने अधिकारियों पर आरोप लगाए कि वे काम में ढील बरत रहे हैं और उसे जांच की मांग करने के लिए यहां-वहां भेज रहे हैं।
युवक ने डीसी ऑफिस के बाहर साफ कहा कि यदि आज ज्ञापन सौंपने के बाद भी जांच नहीं हुई तो वे डीसी ऑफिस के बाहर अपना आत्मदाह कर देगा। युवक ने अस्पताल के खस्ता हालातों पर नज़र डाली और कहा कि यहां डॉक्टर नहीं बल्कि नर्सिस और देसी दाइंयां ही ऑपरेशन को अंजाम देती है। उनकी बहन के साथ भी ऐसा ही हुआ, जिसके चलते उसकी मौत हो गई।
वहीं डीसी कांगड़ा ने आश्वासन दिया कि जल्द ही इस बारे में जांच की जाएगी। पहले जो ज्ञापन सौंपा गया था उसकी रिपोर्ट भेज दी गई थी, लेकिन अभी तक उस पर कोई एक्शन नहीं हुआ।