हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आज शुरू हुआ. चुनावी साल के चलते सत्र के पहले दिन ही सदन में हंगामा हुआ. पहले दिन की कार्यवाही पूर्व केंद्रीय संचार राज्य मंत्री पंडित सुखराम, पूर्व विधायक रूप सिंह चौहान, मस्तराम और प्रवीण शर्मा के देहांत पर शोकोद्गार से शुरू हुई. हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस विधायक काली पट्टी पहनकर पहुंचे. कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है.
इस दौरान मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जयराम सरकार के राज में चोर-बाजारी, माफिया और पुलिस भर्ती में चोर दरवाजे से जो भर्तीयां हुई हैं ये तमाम मद्दे सदन में उठाए गए. उन्होंने कहा की जयराम सरकार मुद्दों को गंभीरता से ना लेकर इनसे दूर भागने की कोशिश कर रही है और जयराम सरकार को नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
वहीं, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है. लेकिन एसआईटी से जांच करवाकर जयराम सरकार मामले को रफा-दफा करना चाहती है. सरकार के कार्यकाल में ऐसी कोई भर्ती नहीं हुई, जिसमें पर्चा लीक नहीं हुआ.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मौजूदा जयराम सरकार से हर वर्ग नाराज है. कर्मचारी, पेंशनर, अनुबंध, करुणामूलक्, बेरोजगारी व महंगाई के मुद्दों को लेकर सभी लोग विरोध करने सड़कों पर हैं. इसलिए जयराम सरकार को सत्ता पर रहने का कोई अधिकार नहीं है. जय राम ठाकुर को इस्तीफ़ा देकर चुनाव करवा लेने चाहिए.
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था. मुख्यमंत्री और मंत्रियों को कुर्सी पर बैठने का अधिकार नहीं है. विस अध्यक्ष विपिन परमार ने कहा कि नोटिस मिला है और वह इस पर गौर करेंगे. विपक्ष और सत्ता पक्ष नारेबाजी करते रहे और विधानसभा का माहौल गरमाया रहा. सदन में हंगामे के बीच अध्यक्ष ने कुछ देर के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. इससे पहले मुकेश अध्यक्ष से जानना चाहते थे कि विपक्ष का नोटिस स्वीकार किया है या नहीं.