50 मीटर तक टीसीपी लागू करने व चार गुणा मुआवजा देने में आनाकानी के विरोध में भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच की ओर से आगामी पांच से बारह सितंबर तक जिला स्तर पर प्रदेशव्यापी धरने प्रदर्शन किए जाएंगे. वीरवार को भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच की ओर से गूगल मीट के माध्यम से आपात बैठक का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता बी. आर. कौंडल ने की. जिसमें शिमला, सोलन, बिलासपुर, मंडी, कांगड़ा व कुल्लू के पदाधिकारियों ने भाग लिया.
इस दौरान फैसला लिया गया कि 5 से 12 सितंबर तक जिला स्तर पर भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 को लागू करवाने व चार गुना मुआवजा की मांग को लेकर प्रदर्शन करेगा. जिसमें 5 सितंबर को सोलन, 8 सितंबर को बिलासपुर व कांगड़ा ,10 को मंडी और 12 सितंबर को कुल्लू में प्रदर्शन किया जाएगा. इन प्रदर्शनों में सभी जिला के अन्य फोरलेन से प्रभावित संगठन, किसान संगठन हिस्सा लेंगे और उसके उपरांत उपायुक्त के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति मोहदय को मांग पत्र सौंपा जाएगा.
मंच के संयोजक जोगिंदर वालिया ने कहा कि तीन साल बाद पिछले कल हिमाचल सरकार ने कैबिनेट मंजूरी देकर जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में बनी कैबिनेट सब कमेटी नगर एवं ग्राम योजना द्वारा टीसीपी को लागू करने की सिफारिशों को स्वीकार करके किसानों के साथ बहुत बड़ा छलावा किया गया है. वहीं सरकार का यह कहना कि अब हमने 400 गांव टीसीपी से बाहार कर दिए जो की सरासर झूठ है.
इसमें राष्ट्रीय उच्च मार्ग व राज्य मार्ग के साथ रह रहे सभी किसानों, दुकानदारों के ऊपर 50 मीटर तक प्रस्तावित योजना लागू होने से फोरलेन प्रभावित किसानों एवं दुकानदार व फोरलेन-सडक़ से प्रभावित उजडऩे के उपरांत अपना घर, दुकान भी नहीं बना पाएंगे. क्योंकि राष्ट्रीय उच्च मार्ग द्वारा 30-45 मीटर सडक़ के बाद 5 मीटर कंट्रोल ब्रिड्थ के लिए जमीन छांडऩी पड़ेगी. उसके उपरांत तीन मीटर नगर ग्राम योजना के तहत खाली रखनी होगी.
इसलिए भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच इस योजना को तुरंत निरस्त करने की मांग की है और इसका जिला स्तर पर कड़ा विरोध किया जाएगा. मंच के सह संयोजक, नरेश कुकू ने कहा कि 2017 में भाजपा ने चुनावी वादा किया था कि अगर हमारी सरकार बनेगी तो हम फैक्टर टू अर्थात चार गुणा मुआवजा प्रभावित किसानों को देंगे. मगर बावजूद इसके फोरलेन के साथ 50 मीटर टीसीपी की योजना को लागू कर दिया गया व टोल प्लाजा में स्थानीय लोगंो कोई राहत न देने, जमीन का मार्केट रेट के अनुसार ब्याज सहित मुआवजा न देना , मंडलीय न्यायलय में लंबित जमीन अधिग्रहण की सुनवाई न होने के चलते ऐसा लगता है कि प्रदेश की जयराम सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है, जिसका खामियाजा़ आने वाले चुनाव में भूगतना पड़ेगा.
इस मौके पर अध्यक्ष बेलीराम कौंडल, संयोजक जोगिंदर वालिया के अलावा कुल्लू-मंडी से नरेश कुकू, बंसीलाल ठाकुर, प्रेम ठाकुर, कांगड़ा से राजेश पठानिया, करण राणा, शिमला से डा. कुलदीप तंवर, जय शिव, और मंडी से प्रशांत मोहन, वेदप्रकाश, राजकुमार वर्मा, बिलासपुर से मदन शर्मा, सोलन से जेसी शर्मा, चरणदास, नवीन मेहता आदि ने हिस्सा लिया.