मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को कौशल विकास निगम विभाग की बैठक में राज्य के जिला उत्पादों (हथकरघा, हस्तशिल्प, काश्त कला, लघु चित्रों) की विश्व स्तर पर ब्रांडिग करने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि चंबा जिले का रुमाल, कुल्लू-किन्नौर में शाल-टोपी, कांगड़ा की चित्रकला पहले ही राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थितियां दर्ज करवा चुकी हैं। लेकिन, इसे लेकर इच्छुक युवाओं के कौशल को बढ़ाने की आवश्कता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोज़गार की क्षमता बढ़ाने के लिये लघु और दीर्घकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अलावा युवाओं के लिये कृषि तथा बागवानी क्षेत्र में कौशल प्रदान करने की काफी संभावना है। मैं चाहता हूं कि कम समय में हासिल होने वाले व्यवसायों और कौशलों पर युवा ध्यान दें और आने वाले समय में इसकी प्रगति जमीनी स्तर पर दिखे।
इस दौरान प्रबंध निदेशक राजेश शर्मा ने कौशल विकास परियोजना पर विस्तृत प्रस्तुति दी और कहा कि राज्य के 12 महाविद्यालयों में रिटेल, पर्यटन तथा आतिथ्य सत्कार में स्नात्तक स्तर के व्यवसायिक पाठ्यक्रम (बी.वोकेशनल) आरंभ किए गए हैं। राज्य के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिये निगम ने अस्तित्व में आने के बाद भारत सरकार के 20 से अधिक क्षेत्र कौशल परिषदों तथा मुख्य औद्योगिक घरानों के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए हैं।