नगर निगम शिमला ने सोमवार को वित्त वर्ष 2018-19 का बजट पेश कर दिया है। मेयर कुसुम सदरेट ने कुल प्रस्तावित बजट 355.51 करोड़ का रखा, जो कि पिछली बार से अधिक बताया जा रहा है।
वहीं, निगम का ये बजट सत्र काफी हंगामेदार रहा और कांग्रेस-माकपा के साथ बीजेपी पार्षदों ने भी इसे फेल करार दिया। कांग्रेस की पार्षद मीरा शर्मा और सीपीएम की पार्षद शैली शर्मा ने कहा कि नगर निगम की मेयर ने जो बजट पेश किया है वह घाटे का है। निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स से लेकर कूड़े-पानी के रेट बढ़ाए हैं। बावजूद इसके निगम की आय कम दर्शाई गई। यानी कि बीजेपी शासित नगर निगम 9 माह में निगम की चलाने में असफल रहे हैं, जिसका सीधा असर बजट में नज़र आ रहा है। बजट में कुछ भी नया नहीं है।
उधर, बीजेपी पार्षद आरती ने भी बजट का विरोध किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मेयर ने सिर्फ अपने वार्ड अनाडेल एवं टुटू पर ही फोकस है। जबकि अन्य वार्डों की अनदेखी की गई। इतना ही नहीं बजट से पहले सिर्फ पार्षदों से राय ली गई, लेकिन उन पर अमल नहीं किया गया। साथ में महिलाओं के लिए भी बजट में कुछ नहीं है।