हमीरपुर के सुजानपुर में राष्ट्रीय होली महोत्सव का 27 फरवरी को प्रात: 11 बजे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आगाज करेंगे। यह जानकारी उपायुक्त राकेश कुमार प्रजापति ने दी। उन्होंने बताया कि इस दौरान मुख्यमंत्री शोभायात्रा, पूजा अर्चना तथा प्रदर्शनियों का अवलोकन भी करेंगे तथा दोपहर बाद दो बजे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करने के साथ हमीर प्राईड डॉट कॉम वेबसाइट की भी लॉन्च करेंगे।
इस दौरान वन एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह भी उपस्थित रहेंगे। उन्होंने बताया कि पहली बार महोत्सव में लेजर शो होगा। 28 फरवरी को दूसरी सांस्कृतिक संध्या का आगाज स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार करेंगे।
मेले की तीसरी सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ पहली मार्च को सांसद अनुराग ठाकुर करेंगे। पहली मार्च को सुजानपुर में सुबह होली भी खेली जाएगी, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री प्रो प्रेम कुमार धूमल बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे। दो मेले की अंतिम सांस्कृतिक संध्या में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे।
ये है सुजानपुर होली महोत्सव का इतिहास
सुजानपुर में 1795 में पहली बार यहां तिलक होली खेली गई। शोध में पता चला है कि महाराजा संसार चंद इस दिन जनता के बीच आकर होली खेलते थे। वह दीवाने ख़ास में बैठ कर प्रजा को दर्शन देते थे। होली का रंग तालाब में तैयार किया जाता था ।
यह उत्सव तीन दिन तक चलता था जिसे अब चार दिनों का कर दिया गया। इस मेले में प्राचीन संस्कृति को महत्व दिया जाता है। अब भी राजा के लिए रथ लाया जाता है। इस दौरान प्राचीन परंपराएं भी निभाई जाती हैं।
सुजानपुर टीहरा जिला हमीरपुर का सबसे सुंदर एवं आकर्षक स्थल है। इस नगर की स्थापना करने का कार्य 1761 ईस्वी में कटोच वंश के राजा घमंड चंद ने शुरू किया था, लेकिन इसको संपूर्ण करने का श्रेय उनके पोते संसार चंद को प्राप्त हुआ। कलाप्रेमी राजा संसार चंद ने इस नगर का निर्माण कलात्मक ढंग से करवाया और यहां की सुंदरता निखारने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
ब्यास नदी के बाएं तट पर स्थित नगर की सुंदरता को देखते हुए इसे अपनी राजधानी बनाने का निर्णय लिया। देश के विख्यात कलाकर, विद्वान एवं सुयोग्य व्यक्ति यहां लाकर बसाए। तभी से सुजान व्यक्तियों की सुंदर बस्ती सुजानपुर कहलाने लगी। सुजानपुर में स्थित एक ऊंची पहाड़ी पर सड़क से तीन किलोमीटर दूर टीहरा में राजा संसार चंद का महल हैं।