बीजेपी शासित नगर निगम शिमला के बजट को माकपा ने जन-विरोधी करार देते हुए बीजेपी पर आरोप लगाए हैं। शहरी कमेटी सचिव बलबीर ने कहा कि इस बजट में बीजेपी कुछ नहीं लाई, उल्टा पिछले निगम की जनहित योजनाओं को भी निगम बंद करने का प्रयास कर रहा है।
सचिव ने कहा कि पहले भी निगम द्वारा डोर-टू-डोर गारवेर कलेक्शन की दरों में वृद्धि की गई। यहां तक प्रॉपर्टी टैक्स में भी बढ़ोतरी का प्रस्ताव निगम द्वारा लाया गया, जिसे पार्षदों के दवाब के कारण अब बैकडोर तरीके से निगम लागू करने का प्रयास कर रहा है। बीजेपी का "सबका साथ-सबका विकास " का नारा अब प्रत्यक्ष रूप से सामने आ रहा है, कि वे किस तरह का विकास करना चाहती है।
बलबीर ने कहा कि गरीब और आम जनता पर आर्थिक बोझ डालना ही बीजेपी के अच्छे हैं, तभी बजट सत्र में महिलाओं और युवाओं के लिए कोई योजना का प्रावधान नहीं है। यहां तक कि तहबाजारियों के लिए बीजेपी शासित नगर निगम कुछ नहीं कर पाया है। अभी तक का बीजेपी नगर निगम का कार्यकाल काफी निराशाजनक रहा है, जिसमें मात्र को जनता को सपने और गुमराह किया गया है।