धर्मशाला के पासू गांव निवासी मृतक अमन की मां ने समाचार फर्स्ट के साथ सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए। अमन की मां ने कहा कि ये सरकार की बहुत बड़ी विफलता है कि वे अपने देश के युवाओं को नहीं बचा पाई। कई दफा सरकार ने आश्वासन दिया कि वे जिंदा हैं, लेकिन आज 3 साल बाद सरकार कई परिवारों को एक साथ आहत कर रही है।
3 साल तक नहीं हुई बात
मृतक के माता-पिता ने कहा कि 13 सितंबर 2013 को अमन इराक गया था और जून 2014 में उनकी आखिरी बार उससे बात हुई थी। कई मर्तबा केंद्र सरकार औऱ हिमाचल के कुछ नेताओं से मदद की गुहार लगाई गई, लेकिन हर बार आश्वासन मिलता था कि वे जिंदा हैं और महफू़ज हैं। यहां तक कि अब तो घरवाले भी अपने बेटे को मरा मान चुके थे, लेकिन फिर भी सरकार के आश्वासन पर एक उम्मीद जगी थी।
बड़े बेटे ने फोन पर दी जानकारी
अमन के माता-पिता ने कहा कि वे काफी समय से अमन के घर आने की राह देख रहे थे। लेकिन जब उनके बड़े बेटे को सुबह अचानक फोन आया तो उसकी बाते सुनकर वे उसे डांटने लगे। उनके बड़े बेटे ने कहा कि अमन की मौत हो चुकी है और बाकी वे चैनल पर ख़बरें देख सकते हैं। जब उसके माता-पिता ने खुद इसे देखा, तो उनके पैरों तले ज़मीन ख़िसक गई। उनकी माता ने कहा कि हमने आस रखी थी कि वे घर आएगा, लेकिन हमें मालूम नहीं कि उसकी मौत ख़बर इस तरह उन्हें मिलेगी।