हिमाचल टेलीकॉम टॉवर वर्कर्स यूनियन की मांगों को लेकर सीटू ने शिमला जिलाधीश कार्यालय के बाहर धरना दिया है। सीटू ने टेलिकॉम कंपनियों के विरोध में जोरदार नारेबाजी की है। यूनियन अपनी मांगों को मनवाने के टेलीकॉम टावरों में कार्य करने वाले प्रदेश के सभी मजदूर अपनी मांगों को लेकर 29 से 31 अगस्त तक राज्यव्यापी हड़ताल पर है और शिमला में 3 दिन तक धरना करेंगे।
सीटू राज्य सचिव विजेंद्र मेहरा ने आरोप लगाया कि टेलीकॉम क्षेत्र में टेक्नीशियन के रूप में कार्य करने वाले सैकड़ों मजदूरों का भारी शोषण हो रहा है। श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। मजदूरों से 24 घंटे कार्य लिया जाता है। उन्हें वर्ष भर में कोई छुट्टी नहीं दी जाती। यहां तक की साप्ताहिक अवकाश भी नहीं दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि मजदूरों को मेडिकल की भी कोई सुविधा नहीं है। ईपीएफ के बारे में भी उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जाती। मजदूरों को साइटों पर जाने के लिए उचित परिवहन भत्ता तक नहीं दिया जाता है। वहीं, काम करते समय एक मजदूर के मरने और दूसरे की बाजू कटने के बावजूद भी उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया गया है। कई मजदूरों को नौकरी से बाहर कर दिया गया है।
यूनियन का मानना है कि कंपनियां मजदूरों का भारी शोषण कर रही हैं, जिसे मजदूर सहन नहीं करेंगे। प्रबंधन के इस रवैये से खफा होकर मजदूरों ने 3 दिन की हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। इस दौरान शिमला में यूनियन घेरा डालो-डेरा डालो आंदोलन कर तीन दिन तक लगातार 72 घंटे का धरना करने जा रही है। इतने में भी यदि कंपनियां नही मानती है तो आंदोलन को और अधिक तेज किया जाएगा।