हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने विधानसभा चुनाव से ऐन पहले इलेक्शन नहीं लड़ने का मारक दांव चल दिया है। इसी क्रम में फेसबुक पर एक लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में चुनाव कराने की बात कही गई है और इसमें तमाम मंत्रियों और विधायकों के बकायदा हस्ताक्षर भी हैं। हालांकि, इस पत्र की ऑथेंटिसिटी को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
इस पत्र को सीपीएस नंद लाल ने लिखा है। जिसमें उन्होंने 25 तारीख को विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के चुनाव नहीं लड़ने के घटनाक्रम का जिक्र किया है और दावा किया है कि बहुसंख्यक विधायक तथा मंत्री इस बात पर सहमत हैं कि अगर वीरभद्र सिंह चुनाव नहीं लड़ते हैं तो वे भी नहीं लड़ेंगे।
हालांकि, यह चिट्ठी जो वायरल हो रही है इसकी विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्नचिन्ह है। क्योंकि, इस बारे में जब समाचार फर्स्ट ने हस्ताक्षर किए विधायकों से संपर्क किया तो उन्होंने ऐसे किसी भी शर्त वाले पेपर पर साइन करने से इनकार किया। कुछ का कहना था कि रूटीन के तहत हर बैठक में सभी के साइन लिए जाते हैं। लेकिन, इसका दूसरा अर्थ लगाना ग़लत है।
गौरतलब है कि इस लेटर में विद्या स्टोक्स, जीएस बाली, ठाकुर कौल सिंह जैसे वरिष्ठ मंत्रियों के अलावा राजेश धर्माणी, आशा कुमारी, रोहित ठाकुर, जगत सिंह नेगी समेत तमाम विधायकों के हस्ताक्षर हैं।
अगर इस पत्र की सत्यता पर बारीकी से तस्दीक करें तो कई सवाल खड़े होते हैं। नंद लाल ने जिस लेटर को लिखा है उसके और हस्ताक्षर किए हुए पेज दोनों अलग हैं। इसके अलावा पार्टी का लेटरपैड भी नहीं है। हालांकि, समाचार फर्स्ट के संवाददाता से बातचीत में नंद लाल ने दावा किया है कि विधायकों की बैठक में सभी ने मुख्यमंत्री के प्रति वफादारी निभाने का वादा किया था और उन्होंने स्यवं यह पत्र लिखा आलाकमान को लिखा है। इसी के बिनाह पर वीरभद्र खेमा 27 विधायकों का साथ होने का दावा कर रहा है…।