स्कूलों, कालेजों के बाद अब अस्पतालों पर प्रदेश सरकार की गाज गिर सकती है। राज्य में करीब दो दर्जन आयुर्वेदिक डिस्पेंसरियां बंद हो सकती हैं। ये बात स्वास्थ्य विभाग के उस सर्वे के बाद सामने आई है जिसमे इन संस्थानों की खुद की सेहत जांचने का काम किया गया। प्रदेश में इस समय 118 आयुर्वेदिक डिस्पेंसरियां हैं। जिनका विस्तार राजधानी शिमला से लेकर सुदूर गांवों तक है।
लेकिन, सर्वे में सामने आया है कि कुछ जगह ओपीडी मरीजों की संख्या नाममात्र है। जो कि लाखों का घाटे का सौदा है। अब विभाग ने तय किया है कि जिन डिस्पेंसरियों में 10 से कम ओपीडी आती है उन्हें तुरन्त प्रभाव से बंद किया जाए। वहां के स्टाफ को ज्यादा मरीजों वाले आयुष संस्थानों, जिला आयुर्वेदिक अस्पतालों में शिफ्ट किया जायेगा ताकि वहां सुविधा बढ़ाई जा सके।
सर्वे में बीस डिस्पेंसरियों में 10 से कम ओपीडी पाई गयी है। 35 ऐसी डिस्पेंसरियां सामने आई हैं जहां पूरे स्टाफ के बावजूद रोज़ाना 25 से कम ओपीडी है। जिनको बंद करने का प्रस्ताव तैयार हुआ है। इस पर अंतिम फैसला स्वास्थ्य मंत्री और उसके बाद मंत्रिमंडल को लेना है।