पूरे देश में आज धर्म और आस्था का प्रतिक पर्व हनुमान जंयति पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जा रहा है। सुबह से ही मंदिरों में भक्तों के दर्शन और पूजन का सिलसिला जारी है। हनुमान जंयति चैत्र मास की पूर्णिमा कोमनाई जाती है। वानरराज केसरी और माजा अंजनी के पुत्र हनुमान को सबसे बलवान और बुद्धिमान माना जाता है।
हनुमान भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार हैं और पृथ्वी पर जिन सात मनीषियों को अमरत्व का वरदान प्राप्त है, उनमें बजरंगबली भी हैं। हनुमानजी का अवतार भगवान राम की सहायता के लिए हुआ। इन्होंने भगवान राम और सुग्रीव की मित्रता कराई और फिर वानरों की मदद से राक्षसों का संहार किया। इसके अलावा भी हनुमानजी की असंख्य गाथाएं प्रचलित हैं।
हनुमानजी की पूजा में सिंदूर मुख्य रूप से अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि सिंदूर का चोला चढ़ाने से भक्त को शुभ फल मिलते हैं। हनुमानजी को सिंदूर का चोला क्यों चढ़ाया जाता है, इससे जुड़ा रोचक प्रसंग इस प्रकार है-
इसलिए हनुमानजी को चढ़ाया जाता है सिंदूर का चोला
मान्यता के अनुसार जब भगवान श्रीराम रावण को मारकर सीता के साथ को लेकर अयोध्या आए तो हनुमानजी भी उनके साथ आ गए। हनुमानजी दिन-रात यही प्रयास करते थे कि कैसे श्रीराम को खुश रखा जाए। एक बार उन्होंनें माता सीता को मांग में सिंदूर भरते हुए देखा।
तो माता सीता से इसका कारण पूछ लिया। माता सीता ने उनसे कहा कि वह प्रभु राम को प्रसन्न रखने के लिए सिंदूर लगाती हैं। तब हनुमानजी ने अपने शरीर पर बहुत सा सिंदूर लगा लिया और और श्रीराम के सामने पहुंच गए।
तब श्रीराम उनको इस तरह से देखकर आश्चर्य में पड़ गए। उन्होंने हनुमान से इसका कारण पूछा। हनुमान ने श्रीराम से कहा कि प्रभु मैंने आपकी प्रसन्नता के लिए ये किया है। सिंदूर लगाने के कारण ही आप माता सीता से बहुत प्रसन्न रहते हो। अब आप मुझसे भी उतने ही प्रसन्न रहना।
तब श्रीराम को अपने भोले-भाले भक्त हनुमान की युक्ति पर बहुत हंसी आई। और सचमुच हनुमान के लिए श्रीराम के मन में जगह और गहरी हो गई। यही कारण है कि हनुमानजी को सिंदूर का चोला चढ़ाया जाता है, जिससे उनकी कृपा हम पर बनी रहे।