हमीरपुर जिला में कुछ नामी स्कूल कमाई के चक्कर में दूसरे जिलों के बच्चों की ज्यादा एडमिशन करके उनसे स्कूल में होस्टल सुविधा के नाम पर निजी स्कूल भारी-भरकम फीस वसूल रहे हैं। यही नहीं ज्यादातर निजी स्कूलों ने तो पूरी तरह से दुकानदारी चला रखी है। हमीरपुर के कुछ नामी स्कूलों में होस्टल फीस के 2 से 4 लाख रुपए सालाना फीस वसूली जा रही हैं जबकि एडमिशन फीस और ट्रैवलिंग सुविधा के अलग से पैसे वसूले जा रहे हैं।
ऐसे स्कूल लोकल एडमिशन करने में आनाकानी कर रहे हैं ताकि उनके स्कूल में ज्यादा बच्चे बाहरी जिलों से आएं और उनसे वह मोटी कमाई कर सकें। ऐसे स्कूलों की मनमर्जी पर शिक्षा विभाग और प्रदेश सरकार को रोक लगाने के लिए जल्द उचित कदम उठाने चाहिए ताकि शिक्षा के नाम पर लूट-खसूट न हो सके और शिक्षा मात्र व्यापार बनकर ही न रह जाए।
शिक्षा विभाग दिखाए सख्ती
वहीं, अभिभावकों का कहना है कि निजी स्कूलों की मनमर्जी को सरकार रोके और जो निजी स्कूल नियम पूरे नहीं करते हैं उनकी मान्यता को भी रद्द किया जाए। उनका कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में निजी स्कूल मात्र व्यापार का साधन बने हुए हैं तथा उनमें न तो खेल मैदान हैं और न ही स्कूल भवन सही ढंग के हैं। उनका कहना है कि शहर में कुछ नामी स्कूलों में होस्टल सुविधा के नाम पर खूब लूट-खसूट की जा रही है। ऐसे स्कूलों के खिलाफ शिक्षा विभाग सख्ती से पेश आए।