जिला परिषद कैडर के अधिकारी और कर्मचारी पंचायती राज विभाग में विलय की व छठे वेतन आयोग का लाभ न मिलने की मांग को लेकर छः दिनों से हड़ताल पर डटे हुए हैं। उनका कहना है जब तक उनकी मांगें पूरी नही हो जाती वह इसी तरह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहेंगे।
मंगलवार को सचिवालय में जिला परिषद कैडर की पंचायती राज मंत्री के साथ बैठक भी हुई जो बेनतीजा रही अब उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नही किया जाता उनकी हड़ताल जारी रहेगी।वहीं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने इस आपदा की घड़ी में जिला परिषद काडर से हड़ताल समाप्त करने की अपील करते हुए कहा है कि वह सरकार को कठोर कदम उठाने पर मजबूर न करें।
पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि उन्हें मालूम है कि जिला परिषद कैडर कर्मचारी व अधिकारी का पंचायती राज में विलय व वेतन का मुद्दा है। जिसको लेकर पिछले कल एक बैठक भी की गई।उन्होंने कहा कि विभाग जल्द ही 15 दिनों के भीतर उनके साथ एक बार फिर बैठक करेगा जिससे इनका मुद्दा हल हो सके।
उन्होंने कहा कि सरकार उनके मुद्दे के प्रति गम्भीर है।मुख्यमंत्री के संज्ञान में यह मामला है जल्द ही इसके लिए कैबिनेट सब कमेटी का निर्माण किया जाएगा।उन्होंने कहा कि इस मामले का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है।इस मामले में काफी लीगल फॉर्मेलटीज है।
इसलिए इस मामले में देरी हो रही है।उन्होंने कहा कि विभाग में नो वर्क नो पे पहले से लागू है।कुछ कर्मी कॉन्ट्रैक्ट पर भी है इसलिए वह कर्मियों से अपील करते हैं कि हड़ताल खत्म कर दें।इस आपदा की घड़ी में जो भी कार्य होने है वह पंचायतों के माध्यम से होने है।इसलिए कार्य पर वापिस आ जाएं।अगर उनका इसी तरह अड़ियल रवैया रहा तो सरकार को मजबूरन कठोर कदम उठाने पड़ेंगे।
अनिरुद्ध सिंह पंचायती राज मंत्री
वीओ : वही उन्होंने आपदा से क्षतिग्रस्त घरों को लेकर कहा कि वह स्वयं 12 अगस्त को दिल्ली गए थे और केंद्र को आपदा से उस समय 6500 क्षतिग्रस्त घरों की स्थिति से अवगत करवाया था।केंद्र ने 6551 घर की ग्रांट मंजूर कर दी थी ।जिसमे से4234 घर आबंटित कर दिए गए थे और 18लोग पात्र नही थे वहीं कुछ ने इसे लेने से मना किया और कुछ लोग अपात्र थे।उसके बाद अब जो स्थिति है उसमें लगभग 9500 घरों की ग्रांट मिलनी हैऔर उम्मीद है कि जल्द ही वह ग्रांट केंद्र से आ जायेगी।