कैंसर का रोग आज के समय में बढ रहा है और खान-पान व जीवनशैली में बदलाव के साथ ही योग को चिकित्सा से जोड़ना कैंसर से बचाव के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से आज लोगों में स्वास्थ्य के लिए जागरूकता बड़ी है. साथ ही अब अस्पतालों में कैंसर और ट्यूबरक्लोसिस जैसी बीमारियों की दवाई भी उपलब्ध करवाई जा रही है और 2025 तक ट्यूबरक्लोसिस को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है.
राज्यपाल ने बताया कि लोगों में तंबाकू और नशे से दूर रहने के लिए जागरूकता की जरूरत है जिससे कैंसर मामलों को कम किया जा सकता है. यह बात राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज शिमला में एक निजी अस्पताल सेनेटोरियम की ओर से कैंसर पर आयोजित एक सम्मेलन में कही.
कैंसर पर आयोजित सम्मेलन में आज शिमला में 12 विदेशी विशेषज्ञ चिकित्सक और देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए विशेषज्ञों ने भाग लिया । इस सम्मेलन में विशेषज्ञों ने कैंसर की नई तकनीक से इलाज और इसके कारण और बढ़ रही समस्या पर विचार प्रकट किए। सम्मेलन की जानकारी देते हुए लुधियाना के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ क्लेरन सैम्युल ने बताया कि कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो दिनों दिन बढ़ती जा रही है.
उन्होंने बताया कि आंकड़े इस कदर बढ़ गए हैं कि भारत में हर 4 मिनट में एक ब्रेस्ट कैंसर का मरीज पाया जाता है और हर साल डेढ़ लाख के करीब कैंसर के नए मरीज सामने आते हैं। वहीं यदि बात हिमाचल की की जाए तो यहां हर महीने करीब 10 लोगों में कैंसर डिटेक्ट होता है । इन्होंने बताया कि कैंसर का इलाज आज भी देश में बेहद महंगा है.
वहीं यह एक ऐसी बीमारी है जिससे न सिर्फ मैरिज बल्कि पूरा परिवार आर्थिक और मानसिक रूप से प्रभावित होता है। उन्होंने बताया कि बदलती जीवनशैली और खान-पान के साथ ही तंबाकू और धूम्रपान का सेवन कैंसर के सबसे बड़े कारण बन रहे हैं. डीआर सैमुअल के अनुसार यदि धूम्रपान और तंबाकू को रोका जाए तो कैंसर के 70% मामले कम हो जायेगे. उन्होंने बताया कि इलाज में देरी से भी कैंसर में मरने वालों की संख्या बढ़ती है जबकि अब नई तकनीक के माध्यम से नई कीमोथेरेपी से कैंसर से इलाज में बेहद लाभ मिल रहा है.