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शिमला में हिम इरा फूड कार्निवल की धूम

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हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों से पहुंचे व्यंजन

शिमला: राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर इन दिनों खासी चहल-पहल देखने को मिल रही है. जिसके पीछे वजह है 18 दिसंबर तक चलने वाला फूड कार्निवल. हिम इरा की तरफ से यह कार्निवल लगाया गया है जिसमें प्रदेश के सभी 12 जिलों के व्यंजन एक जगह पर उपलब्ध है. लिहाजा शिमला के स्थानीय लोग हो या बाहर से आने वाले सैलानी सभी इन व्यंजनों का खूब लुत्फ उठा रहे हैं.

हिम इरा की तरफ चलाए जा रहे फूड कार्निवल में जिला सिरमौर के स्टॉल पर बिच्छू बूटी की सब्जी और रुमाली रोटी लोगों को खूब पसंद आ रही है. स्टॉल चलने वाले नई दिशा ग्राम संगठन संगड़ाह की सदस्य रेखा देवी ने बताया कि यह व्यंजन खास तौर पर उनके क्षेत्र में विशेष मौकों और त्याहारों को पर बनाया जाता है. संक्रांति के मौके पर जिसे स्थानीय भाषा में संग्रांद कहा जाता है उसे दौरान भी यह भी छोटी का साग और पोली बड़े चाव से बनाई जाती है.

रुमाली रोटी को ही स्थानीय भाषा में पोली कहा जाता है. उन्होंने बताया कि बुजुर्गों ने ही इस व्यंजन की भी शुरुआत भी की थी. इसको बनाने में सिलबट्टे पर पिसे गए नमक का भी इस्तेमाल किया जाता है. लिहाजा आम तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले मसलों मसाले का इस्तेमाल न होने से इसका स्वाद काफी अलग होता है. शिमला फूड कार्निवल के दौरान भी लोग इस व्यंजन को लेकर खासी दिलचस्पी दिख रहे हैं. खास तौर पर रुमाली रोटी या पोली के बनाने के तरीके और बिच्छू बूटी के साग के प्रति लोगों की काफी दिलचस्प देखने को आ रही है.

वहीं इस फूड कार्निवल में ऊना जिला के स्टॉल पर विभिन्न तरीकों की चाट भी परोसी जा रही है. जिसमें लोगों को सबसे ज्यादा पसंद किंब की चाट भा रही है. यह चार्ट स्वाद में जितनी खास है तो उतनी ही गुण कारक भी. स्टॉल चला रही मीना कुमारी ने बताया कि ने किम्ब नींबू जाति का ही एक फल है जो खास तौर पर सर्दियों के मौसम में ही होता है. उन्होंने कहा कि इसकी तासीर गर्म होती है और यह फल विटामिन सी से भरपूर होता है. उन्होंने बताया कि सर्दियों में इस फल के खाने के कई सेहत के लाभ हैं. हालांकि इसको खाने के बाद आधे पानी पीना नहीं पीना चहिए. इसके अलावा यहां अरबी की चाट भी लोगों के लिए उपलब्ध है.