इन दिनों शिमला सेक्ट्रेट अपने ही एक संघ के कर्मचारी की कानाफूसी से परेशान चल रहा है। बताया जा रहा है कि ये कर्मचारी अपने हिसाब से सभी को सेट कर रहा है और जो भी उसके नक्श़े कदम या उसकी बात मानने को तैयार नहीं, उसे तबादलों की धमकी दी जाती है। यही नहीं, धमकी के बाद उसके तबादले की पूरी साजिश के साथ ट्रांसफर करवाया जाता है। यहां तक कि मुख्यमंत्री के कोर ग्रुप के नेता भी इस कर्मचारी की बात मानने को तैयार हो जाते है, क्योंकि वे संघ से जुड़ा हुआ है।
दरअसल, जयराम सरकार में लग़ातार हो रहे तबादले कुछ तो सरकार कर रही है, लेकिन कई तबादले संघ का एक कर्मचारी दुरुपयोग करके करवा रहा है। बताया जा रहा है कि ये कर्मचारी क्लर्क पोस्ट पर तैनात है, लेकिन मुख्यमंत्री के कोर ग्रुप के नेता से लिंक होने का फ़ायदा उठाकर ये कईयों से आपसी खुंदस निकाल रहा है। कई दफा उसने दवाब बनाकर अपने ही स्टाफ के कर्मचारियों का तबादला करवाया। हालांकि, ये कर्मचारी कौन है पूरा सेक्ट्रेट इसपर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं।
इसी बीच शिमला सेक्ट्रेट में दहशत का माहौल बना हुआ है और अधिकांश कर्मचारियों-अधिकारियों का कहना है कि इस लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले समय में यहां कर्मचारियों की ओर से आंदोलन जैसी आवाज़ भी उठ सकती है।