लोकसभा और राज्यसभा से सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस सड़कों पर उतर आई है और आज पूरे देश भर में प्रदर्शन कर रही है वहीं शिमला में में भी कांग्रेस ने शुक्रवार को केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ हल्ला बोला। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष के 143 सांसदों को संसद से निलंबित कर दिया था.
गुरुवार को तीन और सांसदों के निलंबन के बाद यह संख्या 146 हो गई है. ये सभी सांसद 13 दिसंबर को हुए संसद की सुरक्षा में सेंधमारी के मामले को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान की मांग करते हुए हंगामा कर रहे थे.
शिमला जिला कांग्रेस शहरी अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी ने कहा कि आज तक इतिहास में ऐसा नही हुआ है कि विपक्ष के सांसदों को लोकतंत्र पर प्रहार करते हुए संसद से निलंबित कर दिया.यह केंद्र सरकार निरंतर लोकतंत्र की हत्या कर रही है।
उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार लोकतंत्र का गला घोंट कर विपक्ष खत्म करने का यह प्रयास है।उन्होंने कहा कि सरकार की चाल है कि विपक्ष को संसद से दूर रख कर मनमानी की जाए।
वहीं महिला कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जैनब चंदेल ने सांसदों के निलंबन को काला अध्याय बताते हुए कहा कि यह सरकार अपने हक में बोल रहे लोगों को पसंद नही करते न संसद में चुने हुए प्रतिनिधियों की आवाज सुनते हैं।
उन्होंने केंद्र सरकार पर तानाशाह रवैये का आरोप लगाते हुए कहा कि यहां पर लोग अपने हक के लिए आवाज नही उठा सकते।सरकार ने संसद को विपक्ष विहीन कर दिया है।इसकी कांग्रेस कड़े शब्दों में निंदा करती है। इस अलोकतांत्रिक निर्णय के विरोध में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी तथा सभी विपक्षी दलों द्वारा देश भर में विरोध प्रदर्शन किये जा रहे है।