द रिज हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित प्रमुख टूरिस्ट सैरगाहों में से एक है. यह स्थान सांस्कृतिक कार्यक्रमों, मेलों और समारोहों के लिए फेमस है.क्या आप जानते हैं जिस रिज को देखने देश ही नहीं अपितु विदेशों से पर्यटक खींचे चले आते हैं.
रिज मैदान में ब्रिटिशकाल में भारतीयों को आने पर मनाही थी। ब्रिटिश काल में शिमला गर्मियों में भारत की राजधानी हुआ करती थी। आज के दौर में इस ऐतिहासिक रिज मैदान पर समर फेस्टिवल आयोजित किया जाता है जिसमें कई प्रकार की एक्टिविटी होती है. रिज पर आयोजित होने वाले सबसे प्रसिद्ध त्यौहार ग्रीष्म महोत्सव है। यह प्रसिद्ध त्योहार मई माह के पहले सप्ताह में आयोजित किया जाता है और पूरा शिमला रंगों और गतिविधियों के रंगों से जीवंत हो उठता है।
द रिज में पर्यटक हिमाचली पोशाक में घोड़े की सवारी,आइसक्रीम और फोटोग्राफी का मजा ले सकते हैं. 1910 में बनी पुरानी लाइब्रेरी से लेकर 1844 में बने नव-गॉथिक चर्च तक, रिज कुछ वाकई दिलचस्प इमारतों, दुकानों और मूर्तियों से भरा हुआ है। रिज पर चार मूर्तियाँ हैं; महात्मा गांधी , इंदिरा गांधी , हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस परमार और हाल ही में स्थापित अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा है।
वहीं रिज के नीचे बड़े-बड़े पानी के टैंक बने हुए हैं जिनसे ब्रिटिश काल के समय से शहर में पानी की आपूर्ति की जाती है। रिज के नीचे 1,000,000 गैलन पानी की क्षमता वाला जल भंडार शहर की जीवन रेखा है। चैम्बर्स में निर्मित यह टैंक आकार में काफी बड़े हैं, इसलिए इन्हें शिमला के लिए मुख्य जल आपूर्ति के रूप में उपयोग किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जलाशय का निर्माण 1880 के दशक में किया गया था, बिना किसी सीमेंट का उपयोग किए और केवल चूने के मोर्टार का उपयोग किया गया था।
यहां पर पर्यटक फोटो क्लिक करना बेहद पसंद करते हैं. द रिज शिमला में कई सरकारी इमारतें मौजूद हैं, जैसे कि एचपी टूरिस्ट इन्फॉर्मेशन सेंटर, ऐतिहासिक नगर निगम कार्यालय. साथ ही यहां हिमाचल पर्यटन के रेस्टोरेंट और बार भी हैं.
रिज से हिमालय के पहाड़ों को निहारते हुए प्रकृति का आनंद लेने के लिए एक आदर्श स्थान, जाखू हिल सभी उम्र के पर्यटकों को आकर्षित करता है। रिज से कुछ ही मिनटों की दूरी पर स्थित, जाखू हिल देवदार के पेड़ों से ढका हुआ है और इसमें एक ऐतिहासिक जाखू मंदिर है जहां विश्व भर से पर्यटक हनुमान मंदिर के दर्शनों को आते है। यहां हनुमान जी की 108 फीट की मूर्ति स्थित है।