छात्र अभिभावक मंच ने प्राइवेट स्कूलों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए सरकार से रेगुलेटरी एक्ट बनाने की मांग की है। साथ ही भारी फीसों, किताबों, ड्रेस और स्कूल कार्यक्रमों के नाम पर प्राइवेट स्कूलों की लूट रोकने, सीबीएसई गाइडलाइन और शिक्षा का अधिकार कानून लागू करने की भी मांग की है मंगलवार को छात्र अभिभावक मंच का एक प्रतिनिधिमंडल संयोजक विजेंद्र मेहरा की अध्यक्षता में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से मिला।
प्रतिनिधिमंडल ने सचिवालय में शिक्षा मंत्री को अठारह सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। शिक्षा मंत्री ने मांगों पर सहानुभूमिपूर्वक विचार करते हुए इस दिशा में जल्द ही ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया है। शिक्षा के अधिकार कानून के तहत सभी प्राइवेट स्कूलों में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई स्कूल मैनेजमेंट कमेटियों के गठन की मांग की।
मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने शिक्षा मंत्री से प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को रोकने और फीसों को निर्धारित करने के लिए कानून बनाने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि 3 वर्ष पूर्व डीसी शिमला द्वारा प्राइवेट स्कूलों की रेगुलेशन को लेकर एडीएम शिमला की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।
उन्होंने कहा है कि शिमला शहर में चल रहे प्राइवेट स्कूलों में छात्रों और अभिभावकों की खुली लूट कर रहे हैं। इनकी लूट में स्कूल टैक्सी संचालकों ने अपने रेट बढ़ाकर आग में घी डालने का कार्य किया है। अभिभावक बुरी तरह परेशान हैं। प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया,विषय वस्तु और फीसों को संचालित करने के लिए रेगुलेटरी कमीशन बनाया जाए। उन्होंने कहा है कि शिक्षा का अधिकार कानून 2006 और 2005 की सीबीएसई की गाइडलाइनज़ को सख्ती से लागू किया जाए।