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दिव्यांग होने के बावजूद भी विनोद ने नहीं हारी हिम्मत, गाड़ी चला कर पेश की मिसाल

सुनील ठाकुर |

आपने यह तो सुना होगा कि अगर इंसान के इरादे मजबूत हो, तो वह कुछ भी कर सकता है। इसका एक उदाहरण है विनोद कुमार जिन्होंने दिव्यांग होने के बावजूद भी हिम्मत नहीं हारी और अपने इरादों को मजबूत रखा। विनोद कुमार बिलासपुर के स्वारघाट के रहने वाले हैं।

विनोद ने 12वीं करने के बाद बीएससी की डिग्री 2012 में पूरी की। स्कूल के समय विनोद डिस्ट्रिक्ट लेवल तक वॉलीबॉल प्रतियोगिता में भाग ले चुके हैं इसके साथ क्रिकेट भी खेलते हैं। उनके पास ऑल्टो कार भी है जिसको वह खुद चलाते हैं। इनका कहना है कि जब आप में हिम्मत है तो दूसरों का सहारा क्यों लिया जाए।
 
विनोद ने कहा कि वह आज तक दिव्यांग पेशन से मरहूम हैं और ना ही सरकार की तरफ से उन्हें नौकरी या किसी भी प्रकार की सहायता आज तक मिली है।