देश की आधी आबादी जो चुनावों में सबसे ज्यादा मतदान कर सरकार बनाती व गिराती है. लेकिन जब उनकी चुनावीं राजनीति में अधिकार की बात करते है तो उनकी बड़ी कम उपस्थिति नजर आती है हिमाचल जो सबसे ज्यादा साक्षरता वाला राज्य है अब तक हुए लोकसभा चुनावों में प्रदेश से मात्र तीन महिला नेत्रियां ही लोकसभा पहुंच सकी हैं।
इसमें 1952 के पहले आम चुनाव में राजकुमारी अमृत कौर मंडी -महासू सीट से जीतकर लोकसभा पहुंची थी। इनके बाद 1984 में चंद्रेश कुमारी चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची और 2004 के लोकसभा चुनाव में प्रतिभा सिंह मंडी संसदीय सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचीं थी.
इनके अलावा, हिमाचल में सात महिलाओं को अभी तक राज्यसभा भेजा जा चुका है। इनमें लीला देवी, महेंद्र कौर, सत्यवती डांग, उषा मल्होत्रा, चंद्रेश कुमारी, विप्लव ठाकुर और बिमला कश्यप के नाम शामिल हैं। विप्लव ठाकुर और महिंद्र कौर को दो-दो बार राज्यसभा जाने का मौका मिला है।
आपको बता दें कि हिमाचल की 68 विधानसभा में केवल एक महिला विधायक हैं. प्रदेश में बीते 12 नवंबर 2022 को हुए चुनावों में 24 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं, लेकिन इनमें से सिर्फ एक ने ही जीत दर्ज की. गिरीपार क्षेत्र की युवा नेत्री 34 वर्षीय रीना कश्यप प्रदेश की एकलौती बीजेपी विधायक है. इन्ही के साथ भाजपा से इंदु गोस्वामी राज्यसभा सांसद है.
वहीं, विद्या स्टोक्स ने भी अब तक 10 विधानसभा चुनाव जीते हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत वर्ष 1974 में बतौर कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर की थी. उन्होंने अपने पति लालचंद स्टोक्स के निधन के बाद पहली बार ठियोग विधानसभा चुनाव क्षेत्र से चुनाव जीता था.
इसी के साथ साल 2017 में 4 महिला उम्मीदवार विधानसभा चुनाव जीतने में सफल रही थीं. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री और कांगड़ा के शाहपुर से चार बार विधायक रहीं सरवीन चौधरी, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और डलहौजी से 6 बार की विधायक आशा कुमारी, इंदौरा से बीजेपी विधायक रीता धीमान विधानसभा सदस्य बनी थी.