हिमाचल सरकार अपने 100 दिन का कार्यकाल पूरा कर चुकी है। इसी बीच सरकार भले ही अपने कार्यकाल से संतुष्ट नज़र आ रही हो, लेकिन बात करें जनता की, तो वे सरकार के इस कार्यकाल से कुछ ख़फा नज़र आ रही है। 'समाचार फर्स्ट' ने इस संदर्भ में जिला कांगड़ा में कई जगहों पर लोगों से बात की, लेकिन जनता ने जयराम सरकार के इस कार्यकाल को एकमात्र न के बराबर बताया और बीजेपी को लेकर अपना विज़न रख़ा।
बीजेपी के 3 गुट बने सीएम के लिए परेशानी
धर्मशाला के रहने वाला प्रशांत का कहना है कि मुख्यमंत्री को उन्हीं की पार्टी के लोग नहीं चलने दे रहे। मौजूदा समय में बीजेपी में 3 गुट हैं, जिसमें धूमल, नड्डा और तीसरा वरिष्ठ मंत्रियों का है। ये तीनों गुट मुख्यमंत्री को कोई भी निर्णय स्वतंत्रता से नहीं लेने देते। इसी के बदौलत कई काम ऐसे हैं, जो बंद किए जाने पर फिर रिपीट किये जा रहे हैं। यही कारण है कि बीजेपी सरकार 100 दिनों में लोगों के बीच जगह नहीं बना पाई।
सरकार नाम की नहीं कोई चीज़
जिला कांगड़ा के दुकानदार और व्यवसायियों का कहना है कि जब से प्रदेश में सरकार बनी है, तब से ऐसा लगता है सरकार नाम की कोई चीज़ नहीं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी के आगे बेबस है और प्रदेश सरकार सिर्फ ट्रांसफर माफिया बनकर रह गई है। सरकार ने 100 दिन में अगर कुछ किया है तो सिर्फ तबादले ही तबादले। दुकानदारों ने नए मुख्यमंत्री से नई उम्मीदें बंधाई थी, लेकिन ब्यूरोक्रेसी उन्हें भटका रही है।
बेरोजगार और छात्र भी नाराज़
धर्मशाला और कांगड़ा में पढ़ने वाले छात्रों को कहना है कि प्रदेश सरकार ने 100 दिन के कार्यकाल में युवाओं के लिए कोई निर्णय लिया। रूसा प्रणाली ख़त्म करने का आश्वासन देकर बीजेपी ने युवाओं का वोटबैंक बनाया, लेकिन उसके बाद अपनी ज़ुबान बदल ली। युवाओं के लिए सरकार के पास कोई प्लानिंग नहीं है। सेंट्रल युनिवर्सिटी जैसे मुद्दे अभी तक लटके पड़े हैं। युवाओं के नाम पर राजनीति खेलने वालों ने आज दिन युवाओं को नौकरी देने के बारे में नहीं सोचा। यहां तक कि जो भर्तियां थी वे भी अभी तक लटकीं पड़ी हैं और 100 दिन का कार्यकाल मात्र न के बराबर है।
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भ्रष्टाचार और अपराधों पर नहीं कोई कार्रवाई
बुद्धिजीवी कमल और राहुल का कहना है कि बीजेपी ने सत्ता में आने के लिए भ्रष्टाचार और अपराधों को रोकने का खूब रोना रोया। लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार ने भ्रष्टाचार और अपराधों को कम करने पर कोई बड़ा निर्णय नहीं लिया गया। सरकार अभी तक किसी भी अपराध का पर्दाफाश करने में नाकाम रही है। ये सरकार की विफलता का नतीजा है जो प्रदेश में लग़ातार अपराध बढ़ता जा रहा है।
कांग्रेस से ज्यादा दुरुपयोग कर रही बीजेपी
ज़िला कांगड़ा के रहने वाले बिक्रम, राकेश और विनय का कहना है कि पूर्व सरकार के दौरान बीजेपी ने टायर्ड-रिटायर्ड अधिकारियों के पदों पर बैठने पर कड़ा विरोध किया था। सत्ता में आते ही बेशक इन अधिकारियों को हटा दिया गया, लेकिन इनकी जगह पर बीजेपी ने अपने चेहतों को फिट कर दिया। कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी ज्यादा सरकार में रहने का दुरुपयोग कर रही है।
तीन महीने में करोड़ों का कर्ज
कांगड़ा निवासी कमल और राजेश जो कि वाणिज्य का ज्ञान रखते हैं ने कहा कि बीजेपी सरकार ने 3 महीने में करोड़ों का कर्ज ले लिया है, जोकि पूर्व सरकार में लिए गए कर्ज के लगभग आधा है। उन्होंने पूछा कि आखिर बीजेपी सरकार को सत्ता में आते ही इतना बड़ा कर्ज लेने की क्या जरुरत पड़ गई। बीजेपी कर्ज लेने की होड़ अपने मंत्रियों नेताओं को गाड़ियां और फोन बांट रही है।
कुछ वक़्त के बाद लगेगा पता
यही नहीं, जिला के कुछ लोगों को कहना है कि पहली दफा ऐसा हुआ है कि कोई नया युवा मुख्यमंत्री चुना गया है। 100 दिन का कार्यकाल पर कुछ भी बोलना ठीक नहीं। अभी 1 साल के बाद इस पर ग़ौर किया जाएगा। लेकिन, ये जरूर है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को किसी के कहने पर नहीं, बल्कि खुद फैसले लेने चाहिए। प्रदेश की युवा पीढ़ी मुख्यमंत्री के अंदर जोश देख रही है, जिसका उन्हें ख़ास ख़्याल रखना चाहिए। बढ़ते अपराधों और हादसों पर मोदी सरकार की तरह कड़े फैसले लेने चाहिए।