डिपुओं में अच्छा और सस्ता राशन प्रोवाइड करने का दावा करने वाली बीजेपी सरकार बेशक इस बार ख़रीदे जा रहे राशन में करोड़ों की बचत का ढिंढोरा पीट रही हो। लेकिन, पिछली सरकार में इन करोड़ों रूपयों को क्या होता था, इस पर खाद्य आपूर्ति मंत्री ने चुप्पी साध ली है।
'समाचार फर्स्ट' के एक सवाल में मंत्री किशन कपूर ने कहा कि उन्हें पिछली सरकार में हो रहे करोड़ों के एक्स्ट्रा खर्च के बारे में कुछ नहीं पता, जो भी है वे ख़ुद डिसाइड कर लो। इस बार ख़रीदे गए राशन में चीनी में 4 करोड़ और दालों में 2 लाख 65 हज़ार करोड़ की बचत हुई है। बता दें कि समाचार फर्स्ट ने सवाल किया था कि 'इस बार करोड़ों की बचत हुई है तो क्या पिछली सरकार में इस पर धांधली होती थी…? और क्या सरकार जांच करेगी…?'
एप के जरिए मिलेगी राशन की जानकारी
मंत्री ने कहा कि क़रीब 90 प्रतिशन आधारकार्ड से राशन कार्डों को लिंक कर लिया गया है। मोबाइल एप की सुविधा शुरू हो चुकी है और अब लोग घर बैठे राशन की जानकारी और खरीदारी ऑनलाइन कर सकेंगे। इस एप के माध्यम से शिकायत निवारण, खाद्यनों की शिकायत की जा सकती है। परिवार को कितना राशन मिला इसका ब्यौरा भी एप में रहेगा।
मंत्री ने कहा कि डिपुओं में मिलने वाला आटा पतंजलि से नहीं लिया जाएगा। यदि पतंजलि के सामान में उपभोक्ताओं को रियायत नहीं मिलती है, तो डिपुओं में पतजंलि के उत्पाद नहीं बेचे जाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि भविष्य में विभाग हिमाचल गृहिणी सुविद्या के अंर्तगत गैस कनेक्शन दिए जाएंगे। इसके लिए 11 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। इसके अलावा मिट्टी के तेल का कोटा बढ़ाने की मांग उठाई है जिसको 1208 से 5411 किलो लीटर करने की मांग केन्द्र से की गई है।
ग़ौरतलब है कि अप्रैल महीन में भी लोगों को डिपुओं में पूरी तरह राशन नहीं मिल पाया है। न तो तेल और न चीनी डिपुओं में मिली है। रही मिट्टी के तेल की बात तो वे तो केवल न के बराबर ही है। अधिकांश डिपो धारक या तो तेल देते नहीं या फिर आपस में बांट के खा जाते हैं।