शिमला/रामपुर : पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के नेता सिर्फ़ ज़ोर से बोल रहे हैं और ज़्यादा जोश में होश खो रहे हैं। अभी चुनाव तो दूर पर्चा भी दाखिल नहीं हुआ लेकिन कुछ लोग ख़ुद को एमपी मान बैठे हैं। जो लोग लंबे समय तक पॉवर में रहे इस समय भी सत्ता में हैं वह दूसरों से सवाल पूछ रहे हैं कि आपने क्या किया? जबकि उन्हें ख़ुद बताना चाहिए कि उन्होंने क्या-क्या किया है। जयराम ठाकुर ने विक्रमादित्य सिंह को आँड़े हाथों लेते हुए कहा कि रामपुर में जनता की माँग पर दर्जनों संस्थान खोले लेकिन सुक्खू सरकार ने बंद कर दिये। पीडब्ल्यूडी का मंत्री होने के कारण वह ख़ुद उस कैबिनेट में मौजूद रहे, जिसमें संस्थानों को बंद करने का फ़ैसला हुआ।
अपनी कलम से उन्होंने रामपुर के पीडब्ल्यूडी के डिवीज़न कार्यालय बंद करने की फाइल पर दस्तख़त किए। उन्हें आवाज़ उठानी चाहिए थी। मुख्यमंत्री के इस जनविरोधी फ़ैसले के विरोध करना चाहिए था। लोगों की ज़रूरतों के लिए जो संस्थान खोले गये थे उन्हें विरोध की राजनीति के चलते बंद कर दिया और हमेशा सही का समर्थन और ग़लत का विरोध करने वाले मंत्री चुपचाप बैठे रहे। क्या वह रामपुर के अस्पतालों, स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने को सही मान रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अब देश ने नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का मन बना लिया है, चार सौ से ज़्यादा सीटों से भाजपा सरकार बनाएगी। रामपुर के झाकड़ी में पन्ना प्रमुखों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बातें कहीं। इस मौक़े पर उनके साथ मंडी की लोकसभा प्रत्याशी कंगना रनौत, रामपुर से विधान सभा के प्रत्याशी रहे कौल नेगी समेत अन्य नेता व पदाधिकारी उपस्थित थे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि जब हमारी सरकार आई तो हमने लोगों के लिए काम किए। बिजली का बिल माफ़ किया, पानी का बिल माफ़ किया, माताओं-बहनों का बस का किराया आधा माफ़ किया, पाँच लाख के इलाज के लिए हिम केयर दिया, गृहिणी सुविधा योजना के तहत माताओं बहनों को धुंवा मुक्त किचन दिया। इसके लिए हमने कोई गारंटी नहीं दी थी। किसी से कोई झूठ नहीं बोला था। यह सरकार का काम है। लोगों को सुविधाएं देने के लिए जो किया जा सकता है वह हमने किया। केंद्र सरकार से हर संभव मदद दिलाने के लिए हमने पूरी कोशिश की। केंद्र ने दिल खोलकर मदद की लेकिन कांग्रेस के नेता एक सुर में यही कहते रहे कि केंद्र सरकार ने कोई मदद नहीं की। जबकि आपदा में जो कुछ भी हुआ वह केंद्र सरकार की मदद की वजह से हो पाया। सरकार उस पैसे को ईमानदारी से बाँट तक नहीं बांट पाई।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सिर्फ चुनावों के वक्त वोट के लिए माताओं बहनों का ख्याल आता है। पंद्रह महीनों से इनकी प्रदेश में सरकार चल रही है लेकिन तब इन्हें महिलाओं को 1500 देने की याद नहीं आई और अब जब फिर वोट मांगने का वक्त आया तो फिर माताओं और बहनों को लाइनों में खड़ा कर फार्म भरने के लिए कहा जा रहा है। इनकी अगर देने की मंशा होती तो अपने किए उस वायदे के मुताबिक पहली कैबिनेट मीटिंग के बाद दे देते। उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे आप बताएं कि इन 15 महीनों में आपने क्या किया। आपदा में सात पुल मंडी में बह गए लेकिन आपने एक भी रिस्टोर नहीं किया। सड़कों के किनारे गिरा मलबा आप उठा नहीं पाए और हमसे प्रश्न पूछ रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैंने और कंगना रनौत ने संघर्ष करना सीखा है। मैं साधारण परिवार से आता हूं और अपने दम पर यहां पहुंचा हूं। कंगना ने भी ये पहचान अपने परिश्रम से बनाई है। ईश्वर ने सबके भाग्य में कुछ न कुछ लिखा होता है। इनके भी भाग्य में संघर्ष लिखा है और मुझे पूरी उम्मीद है ये जीतकर अवश्य दिल्ली जाएंगी और एक डाकिया की तरह आपके मुद्दे दिल्ली में प्रधानमंत्री के सामने रखेगी।