हिमाचल प्रदेश के बागवानी एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने चुनाव आयोग पर कांग्रेस के साथ सौतेला व्यवहार करने कर आरोप लगाएं हैं जिसके चलते प्रदेश में विकास कार्यो में बाधा आ रही है। शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार के लंबे समय से विभिन्न विभागों से सम्बंधित 34 मामलों में से 27 मामले आयोग के पास अनुमति के लिये लंबित पड़े है लेकिन आयोग जानबूझ कर इन्हें लटकाने का काम कर रहा है।
जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में चुनाव आचार संहिता के चलते आवश्यक कार्य,जोकि हर साल नियमित तौर पर होते है, पूरी तरह ठप पड़ गए है। प्रदेश के ऊपरी भागों में मौसम के अनुरूप ही सड़को या अन्य जनहित से जुड़े कार्य थोड़े समय ही होते है।अगर इस समय यह कार्य पूरे नही हुऐ तो इसका नुकसान लोगों को भुगतना पड़ सकता है। प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले ही सरकार ने अपने इन आवश्यक व नियमित कार्यो को पूरा करने के लिये आयोग से अनुमति मांगी थी। लेकिन अनुमति देना तो दूर इसका जवाब भी आयोग से अभी तक नहीं आया है।
सरकार ने आयोग से उन विभागों में नियुक्तियों के परिणाम निकालने की अनुमानित भी मांगी थी, जिनकी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। उद्योग विभाग में स्कूलों के लिये डेस्क बैंच खरीद के लिये टेंडर लगने थे वह भी नही लग रहें है जबकि स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है। इसी तरह अध्यापको के रिक्त पद भी भरे जाने थे। जगत सिंह नेगी ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि वह प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए उसके पास लंबित पड़े सभी जनहित के कार्यो की पूरा करने की अनुमति सरकार को दें।