सीपीएम की शिमला कमेटी ने नगर निगम शिमला की मासिक बैठक में अपने पार्षद शैली शर्मा के साथ हुए दुर्व्यवहार पर बिगड़ गई। बीजेपी पार्षद द्वारा दुर्व्यवहार पर सीपीएम ने कड़ा ऐतराज जताया है। विरोधस्वरूप सीपीएम ने आज मेयर का घेराव कर डाला। हालांकि मेयर अपने कार्यालय में नही थीं, बाबजूद इसके कार्यकर्ता उनके कार्यकाल में घुस गए और कमरे में नारेबाजी करने लगे।
सीपीएम पार्षद शैली शर्मा में बताया कि वह सदन में शहर की जनता से जुड़े जन हित के मुद्दों पर चर्चा कर रही थीं, उसी समय भाजपा के एक पार्षद के द्वारा अभद्र टिप्पणी की गई जो सदन की मर्यादा के विरूद्ध है और देश के संविधान तथा लोकतंत्र पर हमला है। लोकतंत्र में जनता द्वारा चुने हुए किसी भी प्रतिनिधि को जनहित के मुद्दे सदन में उठाने का अधिकार है।
नगर निगम अधिनियम के अंतर्गत निगम के सदन को चलाने का उत्तरदायित्व महापौर का है ना की किसी पार्षद का। किसी पार्षद द्वारा सदन की कार्यवाही को बाधित करने और अभद्र टिप्पणी करने पर सभापति महापौर को अधिकार है कि अनुचित व्यवहार करने वाले किसी भी सदस्य को ऐसा करने से रोके। यदि वह नही मानता तो उसके विरुद्ध कार्यवाही करे और सदन से बाहर भी भेजा जा सकता है परन्तु सभी दलों की अधिकांश महिला पार्षदों ने भी एक पार्षद द्वारा दूसरे सहयोगी पार्षद के साथ किए गए दुर्व्यवहार की निंदा नही की।