राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन में डॉ. भरत बरोवालिया द्वारा लिखित पुस्तक ‘बैलेंसिंग द स्केल्स: प्रोपोर्शनलिटी आफ सेंटेंसिंग फार नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज आफेंसेज’ का विमोचन किया।
यह पुस्तक नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों के मामलों में अदालतों द्वारा अपराधियों को सजा देने के बारे में केंद्रित है। इस पुस्तक में सर्वोच्च न्यायालय और हिमाचल प्रदेश, पंजाब तथा हरियाणा के उच्च न्यायालयों के मामलों का विश्लेषण किया गया है कि कौन से कारक दोषी और अभियुक्त को दी गई कारावास या सजा की अवधि के लिए जिम्मेदार हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि यह पुस्तक कानूनविदों, नीति निर्माताओं और विभिन्न कार्यकर्ताओं के लिए जानकारी का महत्वपूर्ण स्रोत सिद्ध होंगी। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में एनडीपीएस अधिनियम के ऐतिहासिक संदर्भ और कानूनी पहलुओं तथा इस अधिनियम और इसमें होने वाले संशोधनों के कारणों को विस्तारपूर्वक बताया गया है। उन्होंने कहा कि डॉ. भरत बरोवालिया ने इस पुस्तक में भारत में ड्रग कानूनों को लागू करने वाले अंतर्निहित सिद्धांतों और नीतिगत उद्देश्यों के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान की है।
उन्होंने लेखक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह पुस्तक कानून से जुड़े व्यक्तियों और शोधार्थियों के लिए लाभकारी साबित होगी। इस पुस्तक में नशीली दवाओं से सम्बंधित जटिल कानूनों का सरल विवरण किया गया है जिसका कानूनी पेशेवर और शिक्षाविद् आसानी से उपयोग कर सकते हैं।
डॉ. बरोवालिया ने इस पुस्तक में अनुसंधान के माध्यम से नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों को नियंत्रित करने वाले कानूनी ढांचे और एनडीपीएस अधिनियम के तहत निर्धारित सजा और दिशानिर्देशों का गहन विश्लेषण किया गया है।
डॉ. भरत बरोवालिया वर्तमान में हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, शिमला में सहायक प्रोफेसर (विधि) हैं और हिमाचल प्रदेश न्यायिक अकादमी शिमला में भी रिसोर्स पर्सन के रूप में अपनी बहुमूल्य सेवाएं प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक का उद्देश्य लोगों को नशीली दवाओं और इससे सम्बंधित कानूनी जटिलताओं से अवगत करवाना है। यह पुस्तक नशीली दवाओं से सम्बंधित अपराधों के प्रति समाज को जानकारी प्रदान करेगी और सार्थक सुधारों के लिए प्रेरित करेगी।