धर्मशाला 23 मई: व्यय पर्यवेक्षक आईआरएस अधिकारी प्रतिभा चौधरी ने चुनाव प्रचार के खर्च का ब्यौरा रोजाना रजिस्टर में दर्ज करने को कहा है ताकि सहायक व्यय पर्यवेक्षकों एवं अकाउंटिंग टीमों द्वारा बनाए गए शैडो रजिस्टर से इसका मिलान कर खर्च का सही आकलन किया जा सके। वीरवार को उपायुक्त कार्यालय के सभागार में प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार व्यय की दूसरी जांच करते हुए व्यय पर्यवेक्षक प्रतिभा चैधरी ने कहा कि अगर सभी उम्मीदवार रोजाना अपने खर्चों का ब्यौरा पारदर्शिता के साथ रजिस्टर में दर्ज करेंगे तो इससे उन्हें भी चुनाव खर्च की गणना करने में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि नामांकन पत्र दाखिल करते ही उम्मीदवार के खर्चे की गणना शुरू हो जाती है और चुनाव परिणाम घोषित होने तक जारी रहती है।
व्यय पर्यवेक्षक ने बताया कि उम्मीदवारों के अपने व्यय रजिस्टर के अलावा निर्वाचन आयोग की टीमें भी शैडो रजिस्टर बनाती हैं। निरीक्षण के दौरान इन दोनों रजिस्टरों का मिलान भी किया जाता है, ताकि चुनावी खर्च का सही आकलन किया जा सके। व्यय पर्यवेक्षक ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों के चुनावी खर्च वाले रजिस्टर की जांच अब 28 मई को होगी।
उन्होंने बताया कि चुनावी खर्चे का नियमानुसार हिसाब न देने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है और उनके चुनाव लड़ने पर 3 साल तक का प्रतिबंध लग सकता है। निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित खर्च 95 लाख की सीमा से ज्यादा खर्चा पाए जाने पर चुनाव में विजयी हो जाने के बाद भी सदस्यता रद्द हो सकती है। निर्वाचन प्रक्रिया को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्वक संपन्न करवाने के लिए व्यय पर्यवेक्षक ने सभी उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे आदर्श आचार संहिता की अक्षरशः अनुपालना सुनिश्चित करने में अपना सहयोग दें। इस अवसर पर व्यय पर्यवेक्षक ने उम्मीदवारों और उनके प्रतिनिधियों को चुनावी खर्चे की गणना के संबंध में कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी जारी किए। व्यय जांच में एडीसी सौरभ जस्सल, सहायक व्यय पर्यवेक्षक और चुनाव प्रत्याशियों के प्रतिनिधि मौजूद थे। व्यय पर्यवेक्षक ने किया उम्मीदवारों के व्यय रजिस्टरों का निरीक्षण किया।