शिमला नगर निगम की मासिक बैठक का आयोजन शुक्रवार को बचत भवन में किया गया। आचार संहिता लगने के चलते नए विकास कार्यों को मंजूरी तो नहीं दी गई लेकिन शिमला शहर में पानी और आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर सदन में पार्षदो ने सवाल उठाए। पार्षदो का कहना था कि शहर में पानी का संकट गहराया है। शहर के कई हिस्सों में तीसरे दिन पानी मिल रहा है। कई जगह पर तीसरे दिन भी प्रेशर से पानी नहीं आ रहा है जिससे लोग परेशान है।
पार्षदो ने बैठक में जल प्रबंधन निगम से समय से पानी देने की मांग उठाई। इसके अलावा बैठक में राम बाजार वार्ड में विकास कार्यों को लेकर कांग्रेस के ही मनोनीत पार्षद अश्वनी सूद ने अपनी ही पार्षद के कार्यों पर सवाल उठाए। उन्होंने वार्ड में हुए कार्यो की जांच की मांग की जिस पर कांग्रेस की पार्षद सुषमा कुठियाला भड़क गई है और दोनों में काफी देर तक बहसबाजी भी हुई।
नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि शिमला में मई और जून महीने में गर्मी के चलते पानी की कमी रहती है शिमला को पानी देने वाली पेयजल परियोजनाएं में भी पानी की कमी आई है जिसके चलते शहर में दूसरी और तीसरे दिन पानी दिया जा रहा है आज बैठक में कई पार्षदो ने इसको लेकर सवाल उठाए थे और जल प्रबंधन निगम को पानी की व्यवस्था को दुरुस्त करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में का पानी की काफी ज्यादा किल्लत है वहां पर टैंकरों के माध्यम से भी पानी की सप्लाई की जा रही है।