शनिवार को हिमाचल प्रदेश के युवा पर्वतारोहियों का एक समूह प्रदेश के राज्यपाल विश्व प्रताप शुक्ल से मिलने राजभवन पहुंचा. हाल ही में इन युवा पर्वतारोहियों ने हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में 6303 मीटर ऊंची चाऊ चाऊ कांग निल्डा चोटी को फतह किया है. राज्यपाल से मुलाकात में इन पर्वतारोहियों ने प्रदेश में पर्वतारोहण को विकसित करने और माउंटेनरिंग रेस्क्यू सेंटर विकसित करने की मांग की है. वहीं राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने इन पर्वतारोहियों का स्वागत करते हुए प्रदेश में बढ़ावा दिए जाने की बात कही. राज्यपाल ने कहा की पर्वतारोहण हिमाचल के पर्यटन कारोबार में बड़ी भूमिका निभा सकता है.
हिमाचल प्रदेश के राजपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिलने पहुंचे हिमाचल के युवा पर्वतारोहियों ने बताया कि वह बीते कई वर्षों से पर्वतारोहण के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं. आज वह राज्यपाल से प्रताप शुक्ल से से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि इसके पीछे उनके दो महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं. उन्होंने कहा कि भी प्रदेश में पर्वतारोहण को बढ़ावा देने के लिए सरकार को क्षेत्र में काम करना चाहिए. इसके अलावा उनकी दूसरी मांग प्रदेश में पर्वतारोहण के लिए सुविधाओं के विकास को लेकर है. प्रदेश में पर्वतारोहण के लिए रेस्क्यू सेंटर विकसित करने और रेस्क्यू के लिए महत्वपूर्ण उपकरण उपलब्ध कराने को लेकर उन्होंने राज्यपाल से मांग उठाई है. हिमाचल प्रदेश के युवा पर्वतारोही चाहते हैं कि प्रदेश का युवा भी पर्वतारोहण में रुचि ले और बढ़-चढ़कर इसके हिस्सा ले साथ ही इसे पर्यटन के लिहाज से भी सरकार को बढ़ावा देना चाहिए.
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि हिमाचल के युवा पर्वतारोही आज उनसे मिलने पहुंचे थे. राज्यपाल ने कहा कि उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि हिमाचल के इन पर्वतारोहियों ने हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में 6303 मीटर ऊंची चाऊ चाऊ कांग निल्डा चोटी को फतह हासिल की. राज्यपाल शुक्ल ने कहा कि पर्वतारोहण को हिमाचल में अभी उतना बढ़ावा नहीं दिया गया है जितनी इसकी संभावना है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के आम जनमानस में प्रातः ग्रहण को लेकर उतनी जागरूकता नहीं है राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि इस क्षेत्र को बढ़ावा देने का असर हिमाचल प्रदेश के पर्यटन पर भी पड़ेगा. ऐसे में यह बच्चे न केवल पर्वतारोहण के विकास का काम कर रहे हैं बल्कि हिमाचल की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करने का काम कर रहे हैं इसके अलावा पर अवतारोहण के माध्यम से प्रदेश के युवाओं का ध्यान भी खेलों की प्रति और आकर्षित होगा जिससे नशा जो एक बड़ी समस्या हिमाचल प्रदेश में बन गया है उससे लड़ने में भी सहायता मिलेगी.