शिमला में गर्मियों में पानी का संकट गहरा गया है कई क्षेत्रों में दो से तीन दिन बाद लोगों को पानी मिल रहा है वही शहर में लोग पानी के लिए तरस रहे हैं और पानी की मुख्य लाइनों में से लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है । मशोबरा में पानी की मुख्य लाइन से पानी लीकेज हो रहा था ओर पानी खुले में बह रहा था। जिसका वीडियो बना कर स्थानीय लोगो ने नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान को भेजा। वही महापौर भी अधिकारियों के साथ बुधवार को मशोबरा पहुचे ओर मौके का जायजा लिया और अधिकारियों को लीकेज को बन्द करने के निर्देश दिए।
नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि मशोबरा में पानी की लीकेज की शिकायत मिली थी और यहां पर आज अधिकारियों के साथ आए हैं अधिकारियों को यहां पर लीकेज बंद करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि शिमला के लिए जो पाइपलाइन बिछाई गई है वह काफी पुरानी है जिसके चलते पानी काफी जगह से लीकेज हो रही है । जिससे पानी बर्बाद हो रहा है उन्होंने कहा कि शिमला में पानी का वैसे भी इन दोनों संकट गहराया हुआ है और यदि लीकेज पूरी तरह से रोक दी जाए तो पानी की समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है। गुम्मा से जो शिमला के लिए पानी की लाइन 100 साल पुरानी है इसे बदलने का लेकर भी कार्य शुरू किया गया है जिस पर 4 करोड रुपए खर्च होंगे। जिससे पानी की लीकेज काफी हद तक बंद की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि शिमला शहर में हर रोज 40 एमएलडी पानी आ रहा है बावजूद इसके 2 लाख की आबादी को पानी न मिलाना यह चिंता का विषय है इसको लेकर जल निगम के अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं।
बता दे शिमला शहर में इन दोनों पानी का संकट गहराया और कई क्षेत्रों में तीन दिन बाद भी लोगों को पानी मिल रहा है हालांकि शिमला शहर में 40 से 42 एचडी पानी की जरूरत रहती है और इन दोनों भी 40 के करीब एमएलडी पानी आ रहा है बावजूद इसके शिमला शहर के लोगों को पानी नहीं मिल रहा है जल निगम का तर्क है कि पर्यटन सीजन के चलते पानी की ज्यादा खपत रहती है और परियोजनाओं में भी पानी का स्तर कम हो गया है।