शिमला में पर्यटन सीजन शुरू होने के साथ ही सफाई व्यवस्था को लेकर संकट पैदा हो गया है। अपनी मांगों को लेकर सैहब कर्मचारी 1 मई से दोबारा हड़ताल पर जा रहे हैं। सैहब कर्मचारियों की हड़ताल से शहर में डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन योजना ठप हो सकती है। सैहब कर्मचारियों की ये हड़ताल शुरूआती चरण में 5 दिनों की होगी। हड़ताल के इन पांच दिनों में शहर के किसी भी घर से कूड़ा नहीं उठेगा।
निगम आयुक्त से मांगो को लेकर हुई चर्चा के विफल होने के बाद सैहब कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की ठानी है। चार दिन पहले ही निगम प्रशासन को हड़ताल का अलटीमेंटम दे चुकी सैहब सोसायटी कर्मचारी यूनियन ने शनिवार देर शाम को आयोजित बैठक में हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। इस मुद्दे को लेकर यूनियन पदाधिकारियों ने आयुक्त से किसी भी तरह की बात से किनारा करते हुए सीधे हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है।
पहले ही पसरी पड़ी है गंदगी
पूर्व में भी सैहब कर्मचारियों की हड़ताल के चलते शहर में सफाई व्यवस्था चरमरा चुकी है, जो शिमला शहर की जनता के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।निगम के कई वार्डों में पहले ही गारबेज कलेक्शन योजना चरमराई हुई है। टुटू, ढली सांगटी सहित कुछ अन्य क्षेत्रों में योजना के तहत घरों से कूड़ा नहीं उठ रहा है, जिससे पहले ही जनता दिक्कतें झेल रही है।