पेंशन के स्थायी समाधान की मांग को लेकर एचआरटीसी की पेंशनरों ने पकड़ी आंदोलन की राह, प्रबंधन को 15 जुलाई तक का दिया अल्टीमेटम, इसके बाद होगा आंदोलन तेज, धरनों का क्रम जारी
मंडी। हिमाचल परिवहन सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण मंच ने पेंशन का स्थायी समाधान करने की मांग को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है। इसी क्रम में मंगलवार को मंडी में एचआरटीसी के क्षेत्रीय व मंडलीय कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया।
कर्मचारी कल्याण मंच ने एचआरटीसी प्रबंधन को मांगों के बारे में कोई ठोस निर्णय लेने के लिए 15 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया है। यदि उस वक्त तक कोई निर्णय नहीं होता है तो पूरे प्रदेश में आंदोलन को तेज कर दिया जाएगा।
15 जुलाई तक हर स्तर पर धरना प्रदर्शन का दौर जारी रहेगा। मंच के प्रदेशाध्यक्ष बलराम पुरी व प्रदेश महामंत्री रूप चंद शर्मा ने बताया कि जिन कर्मचारियों ने अपने जीवन के सुनहरी 30-35 साल एचआरटीसी में सेवा की मगर जीवन के अंतिम पड़ाव में पेंशनर अब अपने वित्तीय लाभों व नियमित पेंशन के लिए तरस रहे हैं। उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय से भी निर्णय उनके पक्ष में आ चुके हैं मगर फिर भी उनका पालन नहीं किया जा रहा है।
पेंशनरों ने इस बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व प्रबंधन को पिछले साल 25 फरवरी, 29 अप्रैल व इस साल 26 फरवरी को ज्ञापन व स्मरण पत्र भी दिए मगर आज दिन तक सरकार या प्रबंधन ने वार्ता के लिए नहीं बुलाया। दो बार मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री से सुंदरनगर, हमीरपुर व फतेहपुर कांगड़ा में मिल मांग पत्र सौंप चुके हैं मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मंडी में 24 जून को संपन्न हुई बैठक में सरकार व प्रबंधन को 15 जुलाई तक का समय दिया गया है कि तब तक उन्हें वार्ता के लिए बुलाया जाए व उनकी मांगों को माना जाए अन्यथा इसके बाद उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन व रैली निकाल कर सरकार के खिलाफ रोष जताया जाएगा। दूसरे चरण में निगम मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया जाएगा और विधानसभा का घेराव भी होगा।
प्रदेशाध्यक्ष ने अपनी मांगों के बारे में बताया कि इनमें मुख्य तौर पर पेंशन का बजट में स्थायी प्रावधान करना, 2016 के संशोधित वेतनमानों का एरियर भुगतान करना, लंबित मेडिकल बिलों को भुगतान, 65,70 व 75 वर्ष की आयु पूरी कर चुके पेंशनरों को 5,10 व 15 प्रतिशत की पेंशन बढ़ौतरी को तुरंत लागू करना, 50 प्रतिशत व 30 प्रतिशत पेंशन तथा फेमिली पेंशन के आदेशों का पालन करना, जिन पेंशनरों की सेवा पुस्तिकाएं अभी तक नहीं दी गई हैं उनको तुरंत देने व एरियर के बारे में जानकारी देना है।
कल्याण मंच ने सरकार व प्रबंधन से कहा कि वह 15 जुलाई से पहले पहले वार्ता करके इन मांगों पर निर्णय ले ले अन्यथा इसके बाद आंदोलन तेज हो जाएगा जिसकी सारी जिम्मेवारी सरकार व प्रबंधन की होगी।