तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने यहां ‘राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना’ विषय पर आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कहा कि युवा समाज की अमूल्य निधि हैं और प्रदेश सरकार युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर प्रशिक्षित श्रम बल तैयार कर रही है। सरकार का लक्ष्य हिमाचल को कौशल हब के रूप में विकसित करना है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कौशल विकास एवं उद्यमिता पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है।युवाओं को राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना के बारे में जागरूक किया जा रहा है। योजना का उद्देश्य प्रशिक्षुओं को वज़ीफा प्रदान कर प्रशिक्षुता प्रशिक्षण को बढ़ावा देना है।
निदेशक तकनीकी शिक्षा राज्य प्रशिक्षुता योजना की निगरानी एवं क्रियान्वयन संबंधी कार्यों के राज्य प्रशिक्षुता सलाहकार हैं। प्रदेश सरकार ने राज्य में योजना के प्रति जागरूकता लाने के लिए 78 सहायक प्रशिक्षुता सलाहकार नियुक्त किए गए हैं। जिला स्तर पर भी संबंधित जिलों में उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय प्रशिक्षुता समिति गठित की है।
सरकार ने प्रदेश में अकुशल श्रम शक्ति को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए छः उद्योग कलस्टर बीबीएनआईए बद्दी, जिला लघु उद्योग संघ बिलासपुर, हिमाचल चैम्बर्ज ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री, परवाणु इंडस्ट्री एसोसिएशन, सोलन इंडस्ट्री एसोसिएशन और हरोली ब्लॉक इंडस्ट्री एसोसिएशन को प्रति कलस्टर एक करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। प्रदेश में राज्य स्तर पर प्रशिक्षुता निगरानी सेल गठित किया गया है। यह सेल प्रशिक्षुओं के लिए निरंतर कार्यशालाएं एवं सेमिनार आयोजित करता है।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में योजना के अन्तर्गत कुल 2569 संस्थान पंजीकृत हैं और 27,615 प्रशिक्षुओं ने पंजीकरण किया है। प्रदेश सरकार युवाओं के लिए बेहतर प्लेसमेंट के अवसर उपलब्ध करवा रही है और उद्योगों के लिए आवश्यक कौशल एवं श्रम शक्ति को तैयार किया जा रहा है।