कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार और उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने जारी संयुक्त प्रेस बयान में ऊना में हुई भाजपा वर्किंग कमेटी की बैठक को ‘महज गुणगान’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष शायद यह भूल गया है कि लोकसभा निर्वाचन के नतीजों के बाद भाजपा की लोकप्रियता में गिरावट आई है और उसके 400 पार के दावों को जनता ने धूल चटाई है। उन्होंने कहा कि भाजपा ऐसी दयनीय हालत में पहुंच गई कि उसे सरकार बनाने के लिए क्षेत्रीय दलों का सहारा लेना पड़ा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूर्व भाजपा सरकार ने कीटनाशकों पर मिलने वाली सब्सिडी को बंद कर किसानों-बागवानों के हितों के साथ खिलवाड़ किया। यही नहीं कर्मचारियों को दिए जाने वाले वित्तीय लाभ न देकर उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने के अधिकार से वंचित कर उनका शोषण किया गया।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को एरियर का भी भुगतान नहीं किया।
पूर्व भाजपा सरकार ने कर्मचारियों को अपमानित करने के लिए कहा कि पेंशन चाहिए, तो कर्मचारी चुनाव लड़ें। वर्तमान कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देकर उन्हें सम्मानजनक जीवनयापन करने का अधिकार लौटाया साथ ही लंबित एरियर और अन्य लाभों को भी समय-समय पर भुगतान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आज भाजपा कर्मचारी हितैषी होने के दावे कर रही है जबकि सच्चाई यह है कि पुरानी पेंशन के लिए कर्मचारियों को आंदोलन को कुचलने और दमन का काम भी भाजपा ने ही किया है और भाजपा के शासन में यह काला धब्बा है।
प्रदेश की जनता को गुमराह करने के लिए पूर्व भाजपा सरकार ने अपने अंतिम छह माह के शासन के दौरान अनावश्यक संस्थान खोले। अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए रैलियों पर बेतहाशा खर्च किया गया। प्रदेश की पटरी से उतरी हुई अर्थव्यवस्था को ट्रैक पर लाने के लिए कांग्रेस सरकार को कुछ कठिन निर्णय लेने पड़े। सत्ता के लोभ में डूबी हुई भाजपा ने लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को अस्थिर को करने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने प्रदेश के लाखों युवाओं के साथ धोखा कर कर्मचारी चयन आयोग जैसी संस्थानों में परीक्षा के प्रश्न पत्र पेपर बेचने के व्यापार को संरक्षण दिया। पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में कर्मचारी चयन आयोग भ्रष्टाचार का गढ़ था।
प्रदेश के युवाओं को रोजगार और स्व-रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार ने 680 करोड़ की राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना शुरू की है। वहीं प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए 100 से 500 किलोवाट क्षमता की परियोजनाओं पर 50 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है। वहीं किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ करने के लिए राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप योजना शुरू की गई है। इस योजना में रसायन मुक्त खेती करने के लिए हर पंचायत से किसानों को जोड़ा जाएगा। सरकार का 36 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि भाजपा कि इलेक्टोरल बॉन्ड योजना का पर्दाफाश हुआ है और सर्वोच्च न्यायालय ने इसे पूरी तरह असंवैधानिक करार दिया है। भाजपा की इस योजना से पारदर्शिता और जवाबदेही धूमिल हुई व लोगों के हितों के साथ खिलवाड़ किया गया है।
वहीं नीट परीक्षा में हुए घोटाले ने प्रदेश के युवा वर्ग के सपनों के साथ खिलवाड़ हुआ है। उन्होंने कहा कि कांवड यात्रा में भाजपा शासित राज्यों द्वारा दिए जा रहे निर्देशों को लेकर पार्टी को अपने ही सहयोगी दलों ने आड़े हाथ लिया है। भाजपा वसुधैव कुटुम्बकम् की बात करती है लेकिन सच्चाई इसके विपरीत है। उन्होंने कहा कि उपचुनावों में प्रदेश की जनता ने स्पष्ट जनादेश दिया है और कांग्रेस के विधायकों को संख्या एक बार फिर 40 हो गई है।
जबकि आए दिन भाजपा की सरकार बनने के दावे करने वालों को सबक सिखाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को आपदा प्रभावितों से जाकर पूछना चाहिए कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने उनकी कितनी मदद की।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने दिखावे की राजनीति कर बेतहाशा खर्च किया और प्रदेश के लोगों के हितों को नजरअंदाज कर ठाठबाठ की जीवनशैली अपनाई। वर्तमान कांग्रेस सरकार वित्तीय प्रबंधन, कर्मचारियों को वित्तीय स्थिरता, कानून व्यवस्था, किसानों और बागवानों को सब्सिडी और राज्य के विकास और कल्याण के लिए दृढ़ संकल्पित और प्रतिबद्ध है।