हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर निशाना साधा है। जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री का नीति आयोग की बैठक में न जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इसे राजनीति से अलग रखना चाहिए। राजनीति करने के तो बहुत सारे मौके मिलते हैं, लेकिन इस तरह के मामलों में राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को पहले प्रदेश हितों को आगे रखना चाहिए। नीति आयोग की बैठक में शामिल होने से न होने से राज्य को नुकसान होगा। यहां मुख्यमंत्री के पास राज्य के हितों का को आगे रखने का मौका था, लेकिन उन्होंने यह मौका गवा दिया। जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक छोटा सा राज्य है और यहां केंद्र सरकार का सहयोग मिलना बेहद जरूरी है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उनके मंत्री सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। बीते साल आई आपदा के बाद अब तक पुनर्निर्माण का कार्य नहीं हो सका है। मंडी में 12 पुल टूटे, लेकिन अब तक एक भी पुल का निर्माण नहीं हुआ। सवाल यह भी खड़ा होता है कि क्या राज्य सरकार ने जो राशि बांटी, वह आपदा प्रभावितों तक पहुंची भी या नहीं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। प्रदेश के अस्पतालों में हिम केयर का लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है।
आर्थिक संसाधनों को जुटाने के लिए राज्य सरकार की ओर से बनाई गई कैबिनेट सब कमेटी सिर्फ रस्म अदायगी जैसी है उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार सिर्फ और सिर्फ झूठ बोलने का काम करती है। सरकार बोलती कुछ है और करती कुछ है। कहा कि मेडिकल डिवाइस पार्क का 30 करोड़ रुपए दोबारा केंद्र सरकार को लौटाना भी गलत है। उन्होंने कहा कि वे नहीं जानते कि इस तरह की सलाह मुख्यमंत्री को कौन देता है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की प्रदेश के हितों में रुचि ही नहीं है। उन्होंने कहा कि 18 महीने के छोटे से कार्यकाल में ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।