राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आयोजित राज्यपालों के सम्मेलन के दूसरे दिन आयोजित विशेष सत्र के दौरान राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आम लोगों से जुड़ने, संचार के साधनों का बेहतर उपयोग करने तथा केंद्रीय एवं राज्य स्तरीय संस्थाओं के बीच बेहतर समन्वय में राज्यपालों की भूमिका पर अपनी प्रस्तुति दी।
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने राज्य में जिला स्तर पर विभिन्न अवसरों के दौरान केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद किया है। उन्होंने मौके पर ही लोगों की समस्याओं के निवारण के संबंध में अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न मामलों पर जनता द्वारा आवश्यक मांगें भी प्राप्त हुई, जिन पर रेडक्रॉस और विभिन्न माध्यमों से सहायता प्रदान की जाती रही है।
उन्होंने कहा कि राजभवन की इस पहल के बाद विभिन्न जिला एवं राज्य स्तरीय आयोजनों में वृक्षारोपण अभियान, स्वच्छता कार्यक्रम, निःक्षय मित्र आदि योजनाओं में आम लोगों की भागीदारी बढ़ी है। आपदा राहत के दौरान भी लोगों से काफी सहयोग प्राप्त हुआ।
उन्होंने कहा कि जिला किन्नौर और लाहौल-स्पीति के सीमावर्ती क्षेत्रों के दौरे के दौरान सेना के अधिकारियों ने भी स्थानीय समस्याओं से उन्हें अवगत करवाया, जिनके समाधान के लिए जिला प्रशासन को उचित दिशा-निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि जिलों के दौरों के दौरान उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी योजनाओं एवं कार्यों का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
शुक्ल ने कहा कि उनका प्रयास रहा है कि राजभवन और जनता के मध्य संवाद की भावना का निर्माण हो। इसके दृष्टिगत राजभवन को प्रत्येक शनिवार और रविवार को आम जनता के लिए खोला गया है।