कसौली गोलीकांड में पुलिस प्रशासन की ढील का मुद्दा सरकार के लिए गले की फांस बन गया है। लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र कांग्रेस इस मुद्दे को अभी से राजनीतिक आग में भुनाने में जुट गई है। जिस तरह बीजेपी ने गुड़िया केस और कर्ज के मुद्दे को विधानसभा चुनावों में खूब राजनीतिक रंग दिया, उसी की तर्ज पर अब कांग्रेस भी कानून व्यवस्था की ढील के मुद्दा को लेकर अटैकिंग मोड पर चल रही है।
इसी कड़ी में रविवार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने निशाना साधा है। सु्क्खू ने कहा कि कसौली गोलीकांड में पुलिस प्रशासन ही नहीं, प्रदेश की खुफिया एंजेसियां भी फ़ेल साबित हुई हैं। गोली चलाने के बाद आरोपी विजय काफी समय तक घर के आस-पास रहा, लेकिन एजेंसियों को इसकी ख़बर तक नहीं लगी। पुलिस की नाकाबंदी भी नाकाम रही, जिसके चलते आरोपी वृंदावन तक पहुंचने में कामयाब रहा।
सुक्खू ने कहा कि दिल्ली पुलिस के साथ होने से आरोपी ग़िरफ्त में आया। वरना हिमाचल पुलिस इस मामले में अंधेरे में तीर चलाती रहती। जयराम सरकार की नींद से उठकर पुलिस प्रशासन के पेंच कसने की जरूरत है। एसपी और डीएसपी को हटाकर सरकार अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकती। साथ ही सुक्खू ने बाकी लोगों पर कार्रवाई करने को कहा।