हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति को लेकर सदन में हंगामा, विपक्ष नियम 67 के तहत मांगी थी चर्चा, प्रस्ताव स्वीकार न होने पर सदन से किया वॉकआउट, कहा अगर हिमाचल में वित्तीय संकट नहीं तो क्यों नहीं आई कर्मचारियों की सैलरी, स्पीकर हो गए हैं घमंडी, अविश्वास प्रस्ताव देने के बावजूद भी नहीं छोड़ रहे कुर्सी।
हिमाचल प्रदेश विधान सभा मॉनसून सत्र के पांचवे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में हंगामा देखने को मिला। विपक्ष ने हिमाचल प्रदेश में। वित्तीय हालातों को लेकर नियम 67 के तहत चर्चा मांगी लेकिन स्पीकर ने प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया जिस पर सदन में विपक्ष ने सदन में काफी देर तक नारेबाजी और सदन से वॉकआउट कर दिया।
विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा है कि दो तारीख होने के बावजूद कर्मचारियों के खाते में सैलरी और पेंशनरों को पेंशन नहीं आई है जबकि मुख्यमंत्री कभी कह रहे हैं कि आर्थिक संकट है और कभी कह रहे हैं कि आर्थिक संकट नहीं है। अगर आर्थिक संकट नहीं है तो कर्मचारियों को सैलरी क्यों नहीं आई।
विपक्ष ने इसी को लेकर सदन में चर्चा मांगी थी लेकिन सरकार गंभीर नहीं है और विधान सभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया। हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट पैदा हो गया है और विपक्ष इसको लेकर गंभीर है। विपक्ष विधायक दल की बैठक कर आगामी रणनीति तैयार करेगा।
वहीं विपक्ष ने स्पीकर के खिलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव भी दिया है जिसको लेकर नेता विपक्ष ने कहा कि जब स्पीकर के खिलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव दिया जाता है तो स्पीकर आसान पर नहीं बैठता है लेकिन स्पीकर कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं है। स्पीकर खुद को बहुत ज्ञानी बता रहे हैं और घमड़ी हो गए हैं विपक्ष इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।