समाचार फर्स्ट नेटवर्क
Memorandum to DC: देव भूमि संघर्ष समिति के एक प्रतिनिधि मंडल ने जिला उपायुक्त अपूर्व देवगन से प्रवासियों के पंजीकरण की मांग की है। इस संदर्भ में डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक ज्ञापन भी सौंपा गया । जिसमें कहा गया है कि दूसरे राज्यों से आकर मुस्लिम समुदाय के लोग पहचान छुपा कर हिमाचल प्रदेश में बस रहे हैं (जिनमें बांग्लादेशी और रोहिंगया भी संभावित है)जिससे प्रदेश की शांति को खतरा बना हुआ है, अतः पंजीकरण किया जाए।
देवभूमि संघर्ष समिति के सदस्य घनश्याम और अनुपम टंडन ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की पहचान एक शांतिप्रिय और सांप्रदायिक सदभाव वाले सुंदर राज्य के तौर पर रही है और यहां पिछले लगभग दो दशकों के दौरान बाहरी राज्यों विशेषकर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद, और साथ लगते उत्तराखंड के तराई क्षेत्र से बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग यहां लाकर स्थाई रूप से बसाए जा रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाएं हैं कि बाहर से आकर यहां स्थाई रूप से बसने वाले मुसलमान संगठित होकर एक माफिया के रूप में कार्य कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मंडी में भी इसी प्रकार से शहर के बीच में सरकारी भूमि पर अवैध मस्जिद का निर्माण होता रहा जिसे स्थानीय समाज के विरोध के बाद रोका गया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह किया है कि शांतिप्रिय प्रदेश में बाहरी मुसलमानों द्वारा अपराधों,नशे की बुराई,अवैध कब्जों,बहन बेटियों से छेड़छाड़, टैक्स की चोरी और राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे पर अंकुश लगाया जा सके और बाहरी राज्यों से आए लोगों के पंजीकरण के निर्देश जिला प्रशासन को जारी किए जाए ताकि हिमाचल के अधिकारों का सरंक्षण करने में मदत मिल सके।