आम जनता पुलिस थाने में इसलिए जाती है ताकि उन्हें न्याय मिल सके और अपराधियों पर शिकंजा कसा जा सके मगर इसके विपरीत पुलिस अपनी कार्य शैली एवं कर्तव्य परायणता न दिखाए तो आम जनता का पुलिस की कार्यशैली पर से विश्वास उठना स्वाभाविक है।
दरअसल, मामला बिलासपुर के साइकली गांव का है जहां सीता राम नाम के युवक पर 29 मई 2016 को 2 लोगों ने जानलेवा हमला किया था। सीता राम ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि घटना के दो साल बीत जाने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आज तक FIR दर्ज नहीं की। पीड़ित युवक के परिजन न्याय की उम्मीद में दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। इस प्रकरण से हिमाचल प्रदेश पुलिस की छवि एक बार फिर धूमिल हुई है।
ये है मामला….
29 मई 2016 की रात को जब सीताराम बस की सफाई करने के बाद घर आने के लिए तैयार हो रहा था तो उसके साथ दो लड़के विजय और महेंद्र साथ थे। पीड़ित युवक ने बुद्धि सिंह और रामपाल नामक 2 युवकों पर मारपीट का आरोप लगाया था। सीता राम ने कहा कि दोनों युवकों ने पहले उससे मारपीट की और फिर उसको 200 फीट गहरी खाई में फेंक दिया। जिससे उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। जिस कारण पीड़ित युवक चलने-फिरने में पूरी तरह से असमर्थ हो गया।
सीता राम ने बताया कि वारदात के बाद घर न पहुंचने पर परिजनों ने उसकी बहुत तलाश की। सुबह जाकर घरवालों ने उसे ढांक से नीचे पड़ा देखा। उसके बाद पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी और उन्हें बिलासपुर अस्पताल पहुंचाया जहां पर उनकी नाजुक हालत को देखते हुए पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया। जहां पर उनकी रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन हुआ।
राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस ने दबाया मामला..
पीड़ित सीता राम ने कहा कि जब उनके पिता पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराने गए तो पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। सीता राम ने पुलिस पर राजनीतिक दबाब के चलते मामले को दबाने का आरोप लगाया। सीता राम ने कहा कि आज तक न तो पुलिस ने मुझे FIR की कॉपी दी और न ही उन उसके साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई की। वहीं, गांव के उप-प्रधान का संरक्षण भी आरोपी युवकों को प्राप्त है जो कि इस मामले को दबाना चाहते हैं।
पीड़ित ने मुख्यमंत्री से की अपील
पीड़ित ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न करने वाले पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और जिन लोगों ने मेरे साथ मारपीट की है उनको भी कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
क्या कहते हैं एसपी बिलासपुर
वहीं, बिलासपुर एसपी अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। लेकिन सीताराम जांच से संतुष्ट नहीं है और यदि पीड़ित द्वारा लगाए गए आरोप जांच में सही साबित होते हैं तो मामले में FIR दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।